मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव निरस्त
भोपाल । मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव निरस्त कर दिए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने 4 दिसंबर द्वारा घोषित किया गया चुनाव कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। इससे पहले मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में बैठक हुई। अध्यादेश को वापस लिए जाने के बाद राज्य चुनाव आयोग ने कानूनी स्थिति को लेकर मंगलवार को विधि विशेषज्ञों के साथ बैठक कीी।
शिवराज सरकार द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश को वापस लिए जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सोमवार को स्थगित या रद्द कर दिया जाएगा, लेकिन देर शाम तक फैसला नहीं हो सका था। उधर, राज्य चुनाव आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी पहलुओं पर चर्चा की।
इसके बाद विधि विशेषज्ञों की राय लेने का निर्णय लिया गया था। चुनाव आयुक्त ने करीब डेढ़ घंटे तक प्रधान सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग उमाकांत उमराव, निदेशक पंचायत राज आलोक कुमार सिंह और आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक की। आज देर शाम चुनाव कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया।
आयोग ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के दो सीनियर एडवोकेट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पंचायत चुनाव पर ओपिनियन ली है। आयोग को फैसला लेने में इतना वक्त इसलिए लग रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों को सामान्य घोषित कर चुनाव कराने के आदेश दिया था।
इस बीच सरकार के पंचायत राज संशोधन अध्यादेश वापस लेकर संकेत दे दिया था कि अब पंचायत चुनाव होना संभव नहीं है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कहा था कि पंचायत चुनाव टलेंगे। उन्होंने कहा- मैं समझता हूं कि चुनाव स्थगित हो जाना चाहिए।
पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण के मामले में अब केंद्र सरकार ने दखल दे दिया है। केंद्र सरकार ने पक्षकार बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर कर दी थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 3 जनवरी को सुनवाई होगी।
राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित (पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य) पदों को छोड़कर चुनाव करा रहा था। चूंकि जिस अध्यादेश के आधार पर चुनाव कार्यक्रम घोषित हुआ था, सरकार ने उसे ही वापस ले लिया है, इसलिए चुनाव प्रक्रिया स्थगित करना पड़ा है।