जेल में 3 महीने बिना वेतन के रहेंगे नवजोत सिद्धू, फिर कमा सकेंगे 90 रु
नई दिल्ली। पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में शुक्रवार को पटियाला की एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण करेंगे। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सिद्धू को इस मामले में एक साल कारावास की सजा सुनाई है। जेल में रहने के दौरान सिद्धू को 3 महीने तक कोई वेतन नहीं मिलेगा।
नवजोत सिद्धू ने टीवी पर अपने कई शो के दौरान और एक क्रिकेटर के रूप में लाखों कमाए हैं, लेकिन पंजाब जेल मैनुअल के अनुसार, कमाई शुरू करने से पहले, सिद्धू पटियाला सेंट्रल जेल में तीन महीने तक “बिना वेतन के काम” करेंगे। नवजोत सिद्धू को उसी पटियाला सेंट्रल जेल में रखा जाएगा, जहां उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी व नशीले पदार्थों के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे अकाली नेता बिक्रम मजीठिया बंद हैं।
जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा, “हमने जेलों में वीआईपी कल्चर को पहले ही खत्म कर दिया है। सभी कैदी समान परिस्थितियों में रहते हैं और जेल नियमावली के अनुसार सुविधाएं दी जाती हैं। नवजोत सिद्धू या किसी और के लिए भी ऐसा ही होगा।” अपने रंगीन ड्रेसिंग सेंस के लिए जाने जाने वाले, पूर्व विधायक को सफेद कपड़े भी पहनने होंगे जो “पंजाब की जेलों के अंदर सभी दोषियों के लिए अनिवार्य” हैं।
जेल के नियमों के अनुसार, कठोर कारावास की सजा पाए सिद्धू को अकुशल, अर्ध-कुशल या कुशल कैदी के रूप में वर्गीकृत करने से पहले बिना वेतन के तीन महीने तक प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद उनकी श्रेणी के आधार पर 30 रुपये से 90 रुपये प्रति दिन के बीच कमाई होगी। दोषी अपराधी दिन में आठ घंटे काम कर सकते हैं और उनकी कमाई सरकार द्वारा वहन की जाती है।
25% कमाई जेल मुद्रा के रूप में होती है, 75% बचत खाते में डाल दी जाती है। सफेद कपड़े के नियम का पालन यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि दोषी अन्य कैदियों के बीच खड़े हों और जेल अधिकारियों द्वारा आसानी से पहचाने जा सकें।” अधिकारियों ने कहा कि सिद्धू को वही निर्धारित जेल समय और आहार का पालन करना होगा, जो हर कैदी के लिए अनिवार्य है।