नेपाल से PAK लेफ्ट-कर्नल ने करवाया था जाधव को गिरफ्तार
नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मिली सज़ा-ए-मौत के बाद खुलासा हुआ कि पाकिस्तान की जिस टीम ने पिछले साल मार्च में कुलभूषण को पकड़ा था, उसमें पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब जहीर भी शामिल थे जो नेपाल के लुंबिनी से लापता हो गए थे। वहीं पाकिस्तान का आरोप है कि हबीब भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की हिरासत में है।
पाकिस्तान डीफेंस ने इस बाबत ९ अप्रैल को एक ट्वीट भी किया था। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस बात की कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि हबीब रॉ की हिरासत में है। लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब जहीर हबीब लंबे वक्त से कुलभूषण पर नज़र रखे हुए थे। इतना ही नहीं जब कुलभूषण अपने परिजनों से मराठी में बात करते थे, तो हबीब उनकी इन बातचीत पर गौर करते थे।
हबीब की मदद से ही पाकिस्तनी टीम ने कुलभूषण को गिरफ्तार किया था। लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब २०१४ में पाकिस्तानी सेना से रिटायर हुए थे, लेकिन उसके बाद भी आईएसआई के लिए काम करते थे। हबीब का नेपाल आना-जाना लगा रहता था और भारतीय एजेंसियां हबीब पर लंबे समय से नज़रे रख रही थीं। हालांकि पाकिस्तान को हबीब का कोई सुराग नहीं मिला है, लेकिन वह उसके लापता होने के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का हाथ बता रहा है।
लेफ्टिनेंट कर्नल को आखिरी बार भारत-नेपाल सीमा पर देखा गया था। पाकिस्तान ने कहा है कि जाधव ६० दिन के भीतर फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं, जिसकी सुनवाई मेजर जनरल रैंक का अधिकारी करेगा। वहां भी सजा बरकरार रहती है तो जाधव के पास पाकिस्तानी सेना प्रमुख के पास अपील करने का मौका होगा और पाकिस्तानी राष्ट्रपति से माफी की अपील का आखिरी रास्ता होगा।
पाकिस्तानी कोर्ट का फांसी का ये फैसला सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान में भी सवालों के घेरे में हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। पाकिस्तान में कुलभूषण को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद देशभर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। राजधानी दिल्ली सहित मुंबई, नागपुर और पटना तक लोग हाथों में बैनर लिए सड़कों पर उतर आए हैं।