RBI बैंक ने रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत का इजाफा
नई दिल्ली। RBI ने बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिये बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले, 4 मई को RBI ने अचानक से रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की थी। RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा और कर्ज की मासिक किस्त यानी ईएमआई बढ़ेगी।
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत किया। पहले मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान लगाया गया था।
RBI ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। दास ने मौद्रिक नीति समिति (MSP) के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि MSP ने आम सहमति से नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 6 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका है।
RBI मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत रही। यह केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक है। RBI को खुदरा महंगाई 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। RBI ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।