Jal Board: यमुना को साफ करने में मिल रही कामयाबी, 2025 तक यमुना में लगा पाएंगे डुबकी
Delhi Jal Board: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने शनिवार को पूर्वी दिल्ली स्थित चिल्ला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। इस दौरान डीजेबी उपाध्यक्ष ने प्लांट के संचालन का निरीक्षण किया और अधिकारियों से इस प्लांट में सीवर के पानी को शोधित करने के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक की जानकारी ली। इस वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर बेहद कम क्षेत्रफल में इस प्लांट का निर्माण किया है। यह प्लांट सीवर के पानी से हाइड्रो एनर्जी का उत्पादन करने वाला राजधानी दिल्ली का एकमात्र वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है। निरीक्षण के दौरान दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
चिल्ला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट काफी खास है। इस प्लांट में गाजीपुर ड्रेन में आने वाले सीवर के पानी को शोधित किया जाता है। साथ ही चिल्ला प्लांट में यूपी से गाजीपुर ड्रेन में आने वाले सीवर के पानी को भी शोधित किया जाता है। इस प्लांट में खास तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इसे बेहद कम जगह में तैयार किया गया है। यह दिल्ली का एकमात्र ऐसा वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है जिसमे सीवर के पानी और स्लज से बिजली का उत्पादन किया जाता है।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो ऐसी संभावनाओं की तलाश करें जिससे आने वाले समय में इस प्लांट की हाइड्रो एनर्जी यानी सीवर के पानी से बिजली का उत्पादन करने की तकनीक का इस्तेमाल डीजेबी के दूसरे प्लांट्स में किया जा सके। चिल्ला प्लांट में हाइड्रो एनर्जी से प्लांट के संचालन की कुल खपत का 50 फीसदी बिजली उत्पादन किया जाता है। दिल्ली जल बोर्ड जो नए वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना रहा है उन सभी प्लांट्स में बिजली का उत्पादन करने वाली इकाइयों का भी निर्माण किया जा रहा है।
डीजेबी उपाध्यक्ष ने कहा कि इस प्लांट का संचालन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के वाटर विजन के तहत किया जा रहा है। सीएम के वाटर विजन के मुताबिक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के शोधित पानी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पीने को छोड़कर अन्य गैर पीने योग्य उपयोग के कार्यों में किया जाए। इस प्लांट के भीतर एक फिलिंग स्टेशन बनाया गया है जिसमें रोजाना तकरीबन 78 वाटर टैंकों में सीवेज का शोधित पानी भरा जाता है। टैंकर्स के माध्यम से सीवेज के शोधित पानी को पार्कों की सिंचाई, औद्योगिक,कृषि और निर्माण कार्यों में इस्तेमाल के लिए अलग अलग जगह सप्लाई किया जाता है।