जाधव को फांसी के खिलाफ पाकिस्तानी SC में याचिका
नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण सुधीर जाधव की फांसी के खिलाफ पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है। ‘इंडिया पाक ज्वाइंट डिफेंस कमेटी फॉर प्रिजनर’ ने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में जाधव की फांसी का विरोध करते हुए याचिका दायर की है। इसमें मांग की गई है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी का गैरकानूनी फैसला रद किया जाए और पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक उचित अदालत में तय नियम प्रक्रिया के तहत निष्पक्ष मुकदमा चलाया जाए। जिसमें जाधव को पक्ष रखने का मौका दिया जाए और उसे कानूनी मदद मुहैया कराई जाए।
भारत और पाकिस्तान की जेलों में बंद लोगों को मुफ्त कानूनी मदद देने वाली दोनों देशों की संयुक्त समिति ‘इंडिया पाक ज्वाइंट डिफेंस कमेटी फॉर प्रिजनर’ ने इस बारे में ड्राफ्ट याचिका शुक्रवार को ही ईमेल के जरिये पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट को भेज दी थी।
कमेटी के अध्यक्ष वरिष्ठ भारतीय अधिवक्ता भीम सिंह हैं जबकि सचिव लाहौर के वकील जुल्फिकार अली जहांगीर हैं। कमेटी में दोनों देशों के वकील शामिल हैं। भीम सिंह बताते हैं कि औपचारिक याचिका भी सोमवार को दाखिल कर दी जाएगी। जाधव को कथित जासूसी के आरोप में 10 अप्रैल को पाकिस्तान में फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने मौत की सजा सुनाई थी।
भारत लगातार सजा का विरोध कर रहा है। भारत का कहना है कि जाधव पूर्व नौसेना अधिकारी हैं और वह ईरान में कारोबार करते थे जहां से उन्हें अगवा किया गया। उन पर जासूसी के आरोप गलत और बेबुनियाद हैं।
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि पाकिस्तान आर्मी एक्ट के मुताबिक सैन्य अदालत से दोषी ठहराए गए व्यक्ति को भी उस आदेश को अदालत में चुनौती देने का अधिकार है।
इसके अलावा पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक भी किसी व्यक्ति को मौलिक और नागरिक अधिकारों के तहत फैसले को चुनौती देने का अधिकार है। कहा गया है कि स्टेट लीगल एड कमेटी को पाकिस्तान में अभी तक सैन्य अदालत के 10 अप्रैल के आदेश की प्रति नहीं मिल पाई है। हालांकि 10 अप्रैल का वह आदेश गैरकानूनी है क्योंकि उसमें प्राकृतिक न्याय के मूल सिद्धांत का हनन हुआ है।
उसमें सिविल और क्रिमिनल कोर्ट के अंतरराष्ट्रीय तौर पर स्वीकार्य तौर तरीकों का भी उल्लंघन हुआ है। पाकिस्तान सैन्य अदालत का दायित्व है कि वह जाधव के फैसले की प्रति उनके रिश्तेदारों, वकीलों व जनता को मुहैया कराए।