Railway News: उत्तर रेलवे ने 3 साल में चूहों को पकड़ने में खर्च किए 69 लाख रुपये
उत्तर रेलवे की लखनऊ डिवीजन (Lucknow Division of Northern Railway) ने आरटीआई (RTI) के जवाब में किया खुलासा.
Lucknow: उत्तर रेलवे की लखनऊ डिवीजन ने चूहों को पकड़ने के लिए 3 साल में 69 लाख रुपये खर्च किए हैं। इसके बावजूद चूहों के आतंक से मुक्ति नहीं मिली है। चूहों के वजह से सिग्नलिंग सिस्टम में भी नुकसान हो रहा है। चारबाग रेलवे स्टेशन पर भी चूहों का आतंक है।
लखनऊ मंडल की ओर से मेसर्स सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन को चूहों को पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। अब स्टेशनों पर कंपनी के कर्मचारियों की मदद से चूहों को पकड़ा जाएगा। उत्तर रेलवे की लखनऊ डिवीजन (Lucknow Division of Northern Railway) ने आरटीआई (RTI) का जवाब देकर बताया है कि 168 चूहों को पकड़ने के लिए 3 साल में 69 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। वहीं, एक चूहे को पकड़ने के लिए रेलवे का 41 हजार खर्च हो हुआ है।
बता दें कि चूहों सहित मच्छरों, कॉकरोच से बचाव के लिए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में हर साल करीब 23.2 लाख रुपये खर्च होते हैं। इसके बाद इन शिकायतों को दूर नहीं किया जा सका है। चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्मों पर चूहों का आतंक साफ दिखाई देता है। यहां पर बड़े-बड़े बिल बनाकर चूहे रह रहे हैं, जिसकी वजह से कई बार सिग्नलिंग सिस्टम को भी नुकसान पहुंचता है।
इतना ही नहीं ट्रेनों के कोच में भी आए दिन चूहा, मच्छर, कॉकरोच आदि की शिकायतें आतीं हैं। चूहों को पकड़ने के लिए हर साल 23.2 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। इस मद से प्रति कोच 94 रुपये मिलते हैं।
लखनऊ मंडल में हर साल 25,000 कोच पर इस राशि को खर्च किया जाता है। कोच के अंदर चूहे, कॉकरोच, मच्छर आदि ना पहुंचे इसके लिए स्टेशनों पर कंपनी की ओर से काम करवाए जाते हैं। चारबाग स्टेशन के कर्मचारियों और वेंडरों ने बताया कि चूहों की वजह से दिक्कतें कम नहीं हुई हैं। आए दिन सामान को नुकसान पहुंचाते हैं।