भोपाल हाट में दीवानगंज की दस्तकारी

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भोपाल।
भोपाल हाट प्रदेश की पारंपरिक कलाओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां सालभर चलने वाले मेलों में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के हेण्डलूम संचालकों, शिल्पकारों और दस्तकारों को अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलता है। साथ ही उनके द्वारा निर्मित सामान के विक्रय के लिए भोपाल हाट एक अच्छा बाजार भी है।

भोपाल हाट में रायसेन जिले के दीवानगंज के शिल्प कुटी स्व-सहायता समूह का भी एक स्टॉल लगा है। इस स्टॉल में जूट से बनी सामग्री विकाय के लिए उपलब्ध है। इन वस्तुओं में पर्स, झूले, डोरमेट, पेन स्टेण्ड, तोरण, झूमर, के साथ ही गृह सज्जा की अनेक वस्तुएं हैं। यह स्टॉल मेले में आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं। यहां उपलब्ध विभिन्न डिजायनों के लेडीज पर्स महिलाओं द्वारा पसंद किये जा रहे हैं। मेले में आई श्रीमती लीना देहारे ने बताया कि इनके विविध रंगों और डिजायनों के पर्स वाकई आकर्षक है।

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