गरीबों के लिये 3 वर्ष में 10 साल के बराबर काम- नायडू
नई दिल्ली। आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने आज बल देते हुए कहा कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में शहरी गरीबी लोगों की आवास जरूरतों को पूरा करने के लिए पिछले १० वर्षों में किए गए कार्यों से अधिक कार्य किया है। इससे साबित होता है कि यह सरकार भिन्न है। नायडू ने कहा कि शहरी गरीब को लाभ देने के लिए समावेशी विकास को सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने २०२२ तक सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) लॉन्च किया।
नायडू ने कहा कि वहन योग्य आवास में बड़े पैमाने पर निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उनका मंत्रालय आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रत्येक पात्र लाभार्थी को १.५० लाख रूपये की केन्द्रीय सहायता देने पर विचार कर रहा है। यह सुविधा निजी भूमि पर बन रही परियोजनाओं के लिए भी होगी। मंत्रालय ने अब तक केवल राज्य सरकारों की साझेदारी की पीटीएमएवाई (शहरी) के साझेदारी घटक के अंतर्गत ५,८३,४२७ मकानों के निर्माण को स्वीकृति दी है।
२०२२ तक सभी के लिए आवास का लक्ष्य प्राप्ति की रणनीति की चर्चा करते हुए नायडू ने बताया कि १५ राज्य /केन्द्र शासित प्रदेश २०१९ तक सभी के लिए आवास लक्ष्य पूरा कर लेंगे। अन्य बडे राज्यों से २०१८ के अंत तक आवास प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा गया है ताकि २०२२ तक मकान निर्माण का कार्य पूरा किया जा सके। आवास मंत्री ने बताया कि पीएमएवाई (शहरी) योजना लॉच होने के २२ महीने के अंदर शहरी गरीब के लिए ९७,४८९ घर बनाये गये हैं। नायडू ने पीएमएवाई (शहरी) को लागू करने में निम्नलिखित राज्यवार ब्यौरा दिया।