जंतर-मंतर पर किसानों ने पीया अपना यूरिन

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नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले ४० दिनों से तमिलनाडु से आए करीब १३४ किसान अपने अनोखे प्रदर्शन को लेकर सुखिNयों में है। इन ४० दिनों में इन किसानों ने अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन किए। कभी सांप का मांस खाकर प्रदर्शन किया, तो कभी चूहा अपने मुहं पर पकड़कर। जंतर-मंतर पर तब हड़कंप मच गया, जब यह किसान अपना यूरिन पीकर प्रदर्शन करने निकल पड़े।

सभी किसान अपना यूरिन बोतल में लेकर आए और मीडिया के सामने पीना शुरू कर दिया। ऐसा देखते ही पुलिस हरकत में आई और किसानों को यूरिन पीने से रोका, लेकिन लेकिन तबतक दो किसान यूरिन पी चुके थे। फिर सभी किसानों ने अपने यूरिन को एक बाल्टी में जमा किया और अब वह इस यूरिन को तमिलनाडु सरकार के सामने पीने की योजना बना रहे हैं।

एक किसान ने कहा कि वह सरकार को यह दिखाना चाहते हैं कि पानी न होने की वजह से किसान यूरिन पीने की स्थिति में आग गया है। सिर्फ खेती ही नहीं, किसानों को पीने की पानी की भी समस्या है। एक किसान ने कहा कि पानी लेने के लिए कई किलोमीटर सफर करना पड़ता है। किसान ने कहा तमिलनाडु में किसानों की समस्या ज्यादा है, लेकिन सरकार कुछ कर नहीं रही है। १४० सालों में तमिलनाडु में इतना बड़ा सूखा पड़ा है।

कावेरी नदी में पानी ना आने की वजह से किसान परेशान हैं। किसान ने कहा, पिछले ४० दिनों से यह लोग रोड पर हैं। रोड पर खाते हैं और रोड पर ही सोते हैं। इनका कहना है रात को ९.०० बजे से लेकर सुबह ७.०० बजे तक पब्लिक टॉयलेट बंद हो जाने की वजह से इन किसानों को बाहर टॉयलेट करने के लिए जाना पड़ता है।

एक किसान ने कहा कि उन्हें राजनीति नहीं करनी है। उनको राजनेता नहीं चाहिए, बल्कि एक अच्छा नेता चाहिए जो इनकी समस्या को समझ सके और इसका समाधान कर सके। अगर सरकार इनकी मांग नहीं पूरा करती है तो वे यहीं बैठेंगे। किसानों की जो मुख्य मांगें है वह है ६० साल से ज्यादा उम्र के किसानों को पेंशन दी जाए। किसानों की मदद के लिए सरकार सूखा राहत फंड बनाए। किसानों ने सरकारी बैंकों से जो लोन लिया है उसे माफ़ कर दिया जाए। पानी के सुविधा के लिए सभी नदियों को जोड़ा जाए।

किसानों से मिले तमिलनाडु CM पलानीस्वामी
जंतर मंतर पर रविवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने विरोध प्रदर्शन कर रहे अपने राज्य को किसानों से मुलाकात की और उन्हें मदद का आश्वासन दिया। किसान यहां पिछले ४० दिनों से कर्ज माफी, सूखा राहत पैकेज और सिंचाई संबंधी समस्या के समाधान के लिए कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

पलानीस्वामी करीब २० मिनट तक किसानों के साथ रहे। इस दौरान उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि वह प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष उनकी बात रखेंगे। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपना विरोध-प्रदर्शन खत्म करने की अपील भी की। पलानीस्वामी ने कहा कि हम अनावश्यक खर्चो में कटौती करने का प्रयास करेंगे और उचित प्रबंध करने की कोशिश करेंगे।। मैं प्रधानमंत्री के समक्ष किसानों की मांग को रखूंगा।

हम किसानों से विरोध-प्रदर्शन का समाप्त करने का आग्रह करते हैं। पिछले ४० दिनों में किसानों ने केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री का ध्यान अपनी मांगों को ओर आकर्षित करने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने नग्न अवस्था में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर मार्च किया, चूहे खाए, अपने सिर मुंडवाए, अंत्येष्टि का स्वांग किया और शनिवार को तो उन्होंने अपने मूत्र भी पी लिए, ताकि सरकार का ध्यान अपनी स्थिति व मांगों की ओर आकर्षित कर सकें।

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