सरकार शिक्षा एवं रोजगार के द्वारा अल्पसंख्यकों को बना रही सशक्त
नई दिल्ली। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामले राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय मामले राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उनका मंत्रालय इस वर्ष दो योजनाएं आरंभ करेगा। “उस्ताद” सम्मान समारोह पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के दौरान आरंभ किया जाएगा जिसके तहत अल्पसंख्यक समुदायों के कारीगरों एवं शिल्पकारों को सम्मानित किया।
शिक्षा के लिए अन्य योजना अभियान 15 अक्तूबर 2017 को पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम की जयंती पर आरंभ किया। अभियान का आयोजन 2017-2018 के दौरान किया जाएगा एवं इसके लिए 100 जिलों की पहचान की गयी है।
नई दिल्ली में श्री नकवी ने आज राजग शासन काल के तीन वर्षों के दौरान अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय की उपलब्धियों पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार “3ई”- एजुकेशन, इम्पलायमेंट एवं इमपावरमेंट-के जरिए विकास से मुख्यधारा में अल्पसंख्यक समुदायों के गरीबों, पिछडों तथा निर्बल वर्गों को शामिल करने में सफल रही है।
उन्होंने कहा कि “बिना तुष्टिकरण के सशक्तिकरण” की नीति ने अल्पसंख्यक समुदायों के बीच “विकास एवं विश्वास का एक वातावरण” सृजित किया है।
“गरीब नवाज कौशल विकास केन्द्र”, “उस्ताद”, “नई मंजिल”, “नई रोशनी”, “सीखो और कमाओ”, “पढो प्रदेश”, “प्रोग्रेस पंचायत”, “हुनर हाट”, बहुउद्देशीय “सदभाव मंडप”, “प्रधानमंत्री के नये 15 सूत्री कार्यक्रम”, “बहु-क्षेत्रवार विकास कार्यक्रम”, लडकियों के लिए “बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति”, आदि जैसी योजनाओं/कार्यक्रमों ने अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति का विकास सुनिश्चित किया है।
अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 2017-2018 के लिए अल्पसंख्यक मामले के बजट को बढ़ाकर 4195.48 करोड़ रु कर दिया है जो कि 2016-2017 के 3827.25 करोड़ रु के बजट की तुलना में 368.23 करोड़ रु अधिक है।
2012-2013 के दौरान मंत्रालय का बजट 3135 करोड़ रु, 2013-2014 में 3511 करोड़ रु, 2014-2015 में 3711 करोड़ रु एवं 2015-2016 के बजट में 3713 करोड़ रु था। उन्होंने कहा कि 2017-2018 के बजट का लगभग 70 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक सशक्तिकरण एवं कौशल विकास पर लक्षित कार्यक्रमों/योजनाओं पर खर्च किया।