कपिल ने टैंकर घोटाला के सबूत ACB को सौंपे
दिल्ली। केजरीवाल सरकार में मंत्री पद से हटाये गये आप विधायक कपिल मिश्रा ने 400 करोड़ रुपये के टैंकर घोटाला मामले के सबूत आज दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को सौंप दिये।
मिश्रा का आरोप है कि पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में हुये इस घोटाले की जांच में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर देरी कर रहे हैं।
एसीबी में मामले से जुड़े दस्तावेज जमा कराने के बाद मिश्रा ने कहा कि ‘‘मैंने अधिकारियों को बता दिया है कि किस तरह से केजरीवाल जानबूझकर इस मामले की जांच में देरी कर रहे हैं।
मिश्रा का दावा है कि वह बतौर मंत्री एक साल पहले ही इस कथित घोटाले की विभागीय जांच करा कर इसकी रिपोर्ट केजरीवाल को सौंप चुके हैं। इसमें उन्होंने टैंकर घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर जांच कराने की सिफारिश की थी।
मिश्रा ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल और उनके दो अन्य सहयोगियों द्वारा टैंकर घोटाला मामले की जांच को प्रभावित करने के दस्तावेजी सबूत भी एसीबी को दिये हैं। इन सबूतों से सरकार द्वारा दीक्षित को बचाने की बात साफ हो जाती है। उन्होंने कहा कि एसीबी इस मामले की विस्तृत जांच के लिये मुझे फिर से बुलायेगी।
इस बीच मिश्रा ने केजरीवाल को स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन द्वारा कथित तौर पर दो करोड़ रुपये की रकम दिये जाने के अपने कल के आरोप पर कायम रहने की बात दोहराते हुये इसकी सच्चाई जानने के लिये उन तीनों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि वह अपने इस आरोप से जुड़े सभी तथ्य सीबीआई को सौंपने के लिये कन्द्रीय जांच एजेंसी से मिलने का समय मांग चुके हैं। मिश्रा ने केजरीवाल द्वारा शनिवार को उन्हें मंत्री पद से हटाये जाने के बाद कल मुख्यमंत्री पर जैन से दो करोड़ रुपये लेने का सनसनीखेज आरोप लगाया था।
मिश्रा ने कहा कि कुछ दिन पहले जैन ने उन्हें निजी बातचीत में बताया था कि केजरीवाल के करीबी रिश्तेदार के पक्ष में उन्होंने 50 करोड़ रुपये की जमीन का सौदा कराया है। हालांकि मिश्रा के आरोपों को निराधार बताते हुये आम आदमी पार्टी केजरीवाल के साथ मजबूती से खड़ी है।