ऐसे अमीर मेरे लिए सड़े हुए आलू की बोरी की तरह: सत्यपाल मलिक

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गोवा। गोवा के गर्वनर सत्यपाल मलिक ने कहा कि विदेशों में अमीर अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा चैरिटी करते हैं, लेकिन हमारे यहां के अमीर ऐसा नहीं करते। ऐसे अमीरों को मैं इंसान नहीं मानता, वह मेरे लिए सड़े हुए पोटेटो, उन्होंने दुहराया कि वह मेरे लिए सड़े हुए आलू की बोरी की तरह हैं। सत्यपाल मलिक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने फिल्मकारों से कहा कि आपलोग ऐसे अमीरों की सच्चाई को समाज के सामने उजागर कीजिए।

सत्यपाल मलिक ने फ़िल्मी दुनिया के लोगों से कहा कि अब जमीदार तो रहे नहीं, जिन पर फ़िल्में बना करती थीं, अब मैं आपको नए जमाने के जमींदार बताता हूं, फिर उन्होंने ऐसे अमीरों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में बहुत सारे अमीर 14 मंजिला इमारतों में रहते हैं, जिनमें से एक में उनका कुत्ता रहता है, लेकिन ऐसे लोग चैरिटी बिल्कुल नहीं करते है। ऐसे लोग मेरे लिए इंसान नहीं सड़े हुए आलू की बोरी की तरह हैं। मैं बॉलिवुड के फिल्ममेकर्स से अनुरोध करूंगा कि ऐसी फिल्में बनाएं, जिससे इन अमीरों को कुछ सीख मिले। फिल्मों के जरिए इन अमीरों पर हमले करिए। आप लोग फिल्म के जरिए गरीबी-अमीरी की विसंगति को दूर करिए।

उन्होंने कहा कि मैं गोवा में 3 हफ्ते पहले ही आया हूं और कश्मीर से आया हूं, लेकिन कश्मीर का हैंगओवर अब तक गया नहीं है। मैं आज फिल्मी दुनिया से जोड़कर अपनी तकलीफ के बारे में कहूंगा। कश्मीर में था तो हर रात सोने से पहले मेरा हाल फिल्म ‘पाकीजा’ के आखरी गाने जैसी थी, आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे, तीर ऐ नजर देखेंगें, आप तो आंख मिलाते हुए शरमाते हैं, आप तो दिल के धड़कने से भी डर जाते हैं, उसपे जिद यह है कि हम जख्म ऐ जिगर देखेंगे, आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे।

‘खतरे इतने थे कि जब मैं पहुंचा तो 17 साल बाद कश्मीर में पंचायत का इलेक्शन करवाया। सारी पार्टियों ने बॉयकॉट किया, हुर्रियत ने बॉयकॉट किया, आतंकवादी ने धमकी दी थी, 4000 लोग चुनें गए, एक चिड़िया की कैजुअलिटी नहीं हुई। हर हफ्ते लोग वहां मरते थे, लोगों को उकसाया जाता था। आज धारा 370 हटा तब भी कोई किसी तरह की कैजुअलिटी नहीं हुई, जब मैं इस बारे में ब्यूरोक्रेट से बात करता था तो वह डराते थे कि 1000 लोगों को मारना पड़ेगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं करना पड़ा।

‘मैं 370 के हटने के बाद कश्मीर के अस्पतालों में गया, कहीं कुछ नहीं हुआ। वहां के लोग मुझे बताते थे कि वह न पकिस्तान के हैं, इंडिया के, उन्हें तो मौलवी यह सिखाते थे कि मरोगे तो जन्नत मिलेगी। यह खतरनाक बात है, मैंने लोगों को समझाया, जन्नत तो कश्मीर ही है। अच्छे मुसलमान की तरह मरोगे तो फिर से यही जन्नत मिलेगी। मुझे वॉर्न किया गया था कि जब 370 हटेगी तो शायद पुलिस रिवोर्ट करदे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। फक्र है कश्मीर की पुलिस पर, उन्होंने ईद के मौके पर, ईद पुलिस लाइन में मनाई थी। ‘मैं हाल ही में किसी बड़ी हस्ती का एक बयान पढ़ रहा था कि फिल्मों से कुछ सीखने को नहीं मिलता है, मुझे तो फिल्मों से बहुत सीख मिलती है।

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