जज से बोला आरोपी, साहब मैं महिला बनने वाला हूं…
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में महिला सहकर्मी से छेड़छाड़ के मामले में जारी चल रही सुनवाई को दौरान कुछ ऐसा हो गया कि वकील और जज सहित मौजूद सभी लोग भौंचक्के रह गए। छेड़छाड़ के आरोपी ने दलील दी है कि वह महिला के साथ छेड़खानी कर ही नहीं सकता, क्योंकि बचपन से ही उसे पुरुषों में रूची है।
आरोपी ने कहा कि उसे महिलाओं में कभी कोई दिलचस्पी नहीं थी और वह अपना लिंग परिवर्तन करवा रहा है। पीड़िता के साथ उसके रिश्ते बहन जैसे थे। इसलिए वह उससे छेड़छाड़ नहीं कर सकता था। इसलिए उसके खिलाफ अक्तूबर 2016 में कनॉट प्लेस थाने में दर्ज एफआईआर को खारिज किया जाए। हालांकि आरोपी की ऐसी दलीलें सुनकर भी अदालत ने उसकी एफआईआर वापस लेने की याचिका को खारिज किया है।
याची महिलाओं की वेशभूषा में पेश हुआ और कोर्ट को बताया कि वह बचपन से जेंडर डिस्फोरिया से पीड़ित है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें शारीरिक व मानसिक संरचना में विरोधाभास होता है।
इससे पीड़ित शख्स अपनी शारीरिक बनावट के विपरीत आचरण करता है। वहीं पीड़िता को व्हील चेयर पर कोर्ट में पेश किया, क्योंकि वह मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित है और चलने फिरने में असमर्थ है। उसने आरोपी की बातें सुनने के बावजूद समझौता करने व एफआईआर वापस लेने से इंकार किया गया है।