हिंसा का असर: नहीं पहुंचे ‘ताज’ को देखने आने वाले 2 लाख पर्यटन
आगरा। देश में देश में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक आकर्षित करने के लिए मशहूर ताजमहल से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों के हसीन पर्यटन स्थलों पर घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों ने बड़े पैमाने पर आखिरी पलों में अपनी बुकिंग रद्द कराईं। इसे एक ऐसे देश के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है, जिसकी आर्थिक वृद्धि दर इस साल पिछले छह सालों की सबसे धीमी गति में 4.5 फीसदी की दर से गुजर रही है।
दरअसल 9 दिसंबर को नागरिकता कानून में संशोधन प्रस्ताव को लोकसभा से हरी झंडी मिलते ही देश में विरोध की लहर शुरू हो गई थी, जो बीतते दिनों के साथ हिंसक आंदोलन में बदल गया। देश में इस दौरान करीब 25 लोगों की मौत इन आंदोलनों में दर्ज की गईं।
नतीजतन कम से कम सात देशों ने अपने नागरिकों को भारत नहीं जाने की सलाह जारी की।
असर यह रहा कि अकेले ताजमहल का दीदार करने के लिए बुकिंग कराने वाले करीब दो लाख देशी-विदेशी पर्यटकों ने पिछले दो सप्ताह में अपनी आगरा दौरे की होटल व अन्य बुकिंग को ऐन मौके पर रद्द किया।
ताजमहल के पास बने विशेष पर्यटक पुलिस थाने के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार का कहना है कि इस साल दिसंबर में पिछले साल के मुकाबले पर्यटकों की आमद 60 फीसदी कम रही है। इस थाने को ताजमहल में आने वाले पर्यटकों की संख्या का डाटा रखना पड़ता है।