बाँटने की राजनीति नहीं करते, संविधान का सम्मान करते: कमलनाथ

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ऐसे व्यवहार करती है जैसे धर्म और मंदिर निर्माण की एजेंसी और ठेका उसी के पास है । हमारे लिए धर्म राजनीतिक मंच नहीं है यह व्यक्तिगत भावना का विषय है। हम बाँटने की राजनीति नहीं करते। संविधान का सम्मान और पालन करते हैं। वे आज यहां एक निजी चैनल से विभिन्न विषयों पर बातचीत कर रहे थे। सीएम ने कहा कि सरकार को 1 साल में सिर्फ साढ़े नौ महिने काम करने को मिले। सबसे बड़ी चुनौती थी कि मध्यप्रदेश की पहचान क्या होना चाहिए और इसके लिए शुरूआत कैसे करें। खजाना खाली था। किसानों के आत्महत्याओं, महिलाओं पर अत्याचारों में मध्यप्रदेश पहले नम्बर पर था। पहली प्राथमिकता थी कि पूरे सरकारी तंत्र की सोच कैसे बदले। दूसरी चुनौती थी कि इन सालों में बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के अच्छे भविष्य का रास्ता कैसे तय करें। उन्होंने कहा कि यह भाषण और घोषणा की सरकार नहीं है। जबान चलाने में और सरकार चलाने में फर्क होता है।

प्रदेश का प्रोफाइल बदलने की चुनौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधि की आवश्यकता है और यह निवेश के माध्यम से पूरी होगी। निवेश सिर्फ विश्वास के आधार पर आ सकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का जो लॉजिस्टिक क्षमता है । इसी से हमारी पहचान होगी। व्यापम और डम्पर से नहीं । उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती है मध्यप्रदेश की प्रोफाइल को बदलने की प्रदेश की तुलना विकसित राज्यों से होनी चाहिए न कि पिछड़े राज्यों से। लोगों को प्रशासन तंत्र पर भरोसा होता है इसलिए लोगों के अनुसार कानून नियम प्रक्रियाओं में बदलाव लाना होगा। नियम कोई गीता, बाइबल या संविधान नहीं है जो बदले नहीं जा सकते। युवाओं का सुनहरा भविष्य गढ़ना सरकार की चुनौती है। उन्होंने कहा कि सरकार को नागरिकों से प्रमाण-पत्र चाहिए। उन्होंने कहा कि वे प्रचार की राजनीति में विश्वास नहीं करते।

माफिया के खिलाफ सख्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार माफिया के खिलाफ काम कर रही है। यदि माफिया भाजपा से संबंधित है तो कुछ नहीं किया जा सकता ये माफिया पिछले 15 सालों में पनपा है। माफिया का कोई राजनीतिक दल नहीं होता है। मध्यप्रदेश माफिया के नाम से नहीं जाना जाएगा। उन्होंने दवा निर्माण माफिया का उदाहरण देते हुए कहा कि यह समाज को नुकसान पहुँचा रहा है इसके खिलाफ सख्ती की जाएगी। माफिया के खिलाफ सरकार काम करे यह निर्णय जनता लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति भाई-चारे की और आपस में जुड़ने की रही है। चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक के समय से ही यही संस्कृति चल रही है। इसे प्रभावित करने के कदम उठाए जा रहे हैं। नागरिकता का अजीब-सा रजिस्टर बनाया जा रहा है। आज देश को एकता और भाई-चारे की जगह पर गिरती अर्थव्यवस्था से ध्यान मोड़ने की राजनीति की जा रही है। उद्योग धंधे बंद हो रहे है। निवेश थम गया है। अंतर्राष्ट्रीय छवि को ठेस पहुँची है।

जेएनयू में मारपीट पर क्या कहा
जेएनयू में हुई मारपीट की घटना के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में भाजपा के रहते हुए यह घटना हुई तो इसका कारण अवश्य होगा। यह जरूरी है कि ऐसी घटनाएँ हो, ऐसा माहौल न बनने दें। कांग्रेस की सरकार को गिराने की भाजपा की धमकी के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेता अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसी बयान-बाजी करते रहते हैं। ऐसी बयानबाजी से उन्हें खुशी मिलती है । यह मनोरंजन का विषय है कि भाजपा नेता अपने-आपको प्रासंगिक बनाने के लिए एक दूसरे से प्रतियोगिता करते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माफिया तक संदेश चला गया है। एक परंपरा बन गई थी कि जो करना है करो अब समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार देना प्राथमिक शिक्षा से इंजीनियरिंग तक गुणवत्ता में सुधार करना चुनौती है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी को पूरा करना एक बड़ी चुनौती है। अगले कुछ महीनों में इस कमी को पूरी करने की प्रक्रिया चलेगी। अतिथि शिक्षकों के संबंध में उन्होंने कहा कि किसी को बेरोजगार कर सरकार को खुशी नहीं मिलती।