रेल ई-टिकट बुकिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा, आतंकी फंडिंग से तार जुड़े
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे में ई-टिकट की कालाबाजारी करने वाले बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इसके तार दुबई, पाक और बांग्लादेश तक फैले होने की बात सामने आ रही हैं। गिरोह के सदस्य टिकट कालाबाजारी की कमाई आतंकवाद फंडिंग, मनीलॉ्ड्रिरंग व गैर कानूनी कार्यों में इस्तेमाल करते थे।
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार का कहना है कि यह गिरोह पिछले पांच साल से सक्रिय है। यह लगभग 1000 करोड़ रुपये कमा चुका था। इस गिरोह के सरगना झारखंड के गिरिडीह निवासी गुलाम मुस्तफा को 10 दिन पहले भुवश्नेश्वर से गिरफ्तार किया था। उसके साथ 27 अन्य लोगों को पकड़ा गया है। मुस्तफा के पास से आईआरसीटीसी के 563 निजी आईडी पाए गए हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की 2400 और ग्रामीण बैंक की 600 शाखाओं की सूची मिली है। संदेह है कि इन बैंकों में उसके खाते हैं। इसकी जांच की जा रही है। गिरोह के सरगना ने टिकट कालाबाजारी से शुरुआत की और ट्रेनिंग लेकर सॉफ्टवेयर डेवलपर बन गया। गुलाम मुस्तफा और गिरोह से जुड़े देश भर में फैले तमाम एजेंट एएनएमएस नामक सॉफ्टवेयर की मदद से रेलवे के तत्काल टिकट बुक किया करते थे।
टिकट बुकिंग के लिए ये लोग फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बनाते थे।आरपीएफ डीजी का कहना है कि कमाई का पैसा 3 हजार खातों के जरिए विदेश भेजा जाता था। बड़ी रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर दुबई में बैठे आकाओं तक पहुंचता था। मास्टरमाइंड मुस्तफा बेंगलुरु से गिरोह चला रहा था। उसका नेटवर्क कई राज्यों में फैला था।