8 माह में LOC पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं

नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को केंद्र सरकार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जवाब देते हुए बताया कि जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर 30 मई 2019 से 20 जनवरी 2020 तक संघर्ष विराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं हुई हैं, जिनमें आठ सैन्य कर्मी हताहत हुए हैं। रक्षा राज्यमंत्री श्रीपाद यसो नाइक ने राज्यसभा में यह जानकारी एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि जम्मू क्षेत्र में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 30 मई 2019 से 15 जनवरी 2020 तक सीमा पर गोलीबारी की 177 घटनाएं हुईं। ऐसी घटनाओं से निटपने के लिए सशस्त्र बलों की जरुरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाता है।

रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद यसो नाइक ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सियाचिन क्षेत्र में हिमपात और हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए। उन्होंने बताया कि सियाचिन क्षेत्र में हिमपात और हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए। लेकिन इस वर्ष 24 जनवरी 2020 तक ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है।

नाइक ने बताया कि अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात और हिमस्खलन के कारण 2019 में सेना के 11 जवान हताहत हुए। इस तरह की घटनाओं में अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में 24 जनवरी 2020 तक सेना के छह जवान हताहत हुए हैं। उन्होंने कहा कि हताहतों के परिजन के लिए निर्धारित लाभ का अक्तूबर 2019 तक हुई दुर्घटनाओं के लिए भुगतान किया जा चुका है। नवंबर और दिसंबर में हुए हादसों के लिए लाभ का आंशिक भुगतान किया गया है और जनवरी 2020 में हुई इस तरह की दुर्घटनाओं के लिए भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।

एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में नाइक ने बताया कि बुलेटप्रूफ जैकेटों की कमी के कारण किसी भी सैनिक के हताहत होने की खबर नहीं है। रक्षा राज्यमंत्री श्रीपाद नाइक ने बताया कि बीते 5 साल के दौरान सैन्य बलों में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की 151 शिकायतें मिलीं हैं।

नाइक ने बताया कि 2015 में सैन्य बलों में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की 29 शिकायतें मिलीं। 2016 में ऐसी शिकायतों की संख्या 25, 2017 में 29, 2018 में 42 और 2019 में 26 थी। 2016 और 2017 में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की एक-एक शिकायत ही सही पाई गई। हालांकि मंत्री ने इस बात से इंकार किया कि सैन्य बलों में मानवाधिकार हनन के मामले बढ़ रहे हैं।