गले मिले दिग्विजय-सिंधिया, नहीं हुई गुफ्तगू

भोपाल। मध्यप्रदेश के गुना में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बीच अकेले में मुलाकात नहीं हो सकी। समयाभाव के कारण यह गुप्तवार्ता टल गई। अलबत्ता दोनों नेता जब एक-दूसरे के आमने-सामने आए तो गर्मजोशी से मिले और एक-दूसरे को पुष्पहार पहनाया। इस दौरान दिग्विजय के मंत्री पुत्र जयवर्धन सिंह भी मौजूद थे।

मालूम हो कि कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने दिग्गी और सिंधिया 8 साल पहले गुना में राजीव गांधी कांग्रेस भवन का लोकार्पण करने गए थे। इस दौरान दोनों नेता ने एक-दूसरे की शान में जमकर कसीदे पढ़े थे।

वहीं कांग्रेस के निवृर्तमान जिला उपाध्यक्ष नुरुलहसन नूर ने मंच से दोनों नेताओं के एक होने की बात कही। ठीक आठ साल बाद गुना में फिर दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया सर्किट हाउस के बंद कमरे में 45 मिनट तक बैठक होना थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

पोस्टर से राजा गायब
सिंधिया समर्थकों ने शहर को होर्डिंग और बैनरों से पाट दिया, लेकिन उसमें दिग्विजय सिंह का फोटो गायब रहा। गौरतलब है कि सिंधिया और दिग्विजय की सर्किट हाउस की गोपनीय बैठक को लेकर शहर में राजनीतिक पारा बढ़ गया था। मंत्रियों से लेकर शहर के कांग्रेसी इस बैठक को लेकर कई राजनीतिक मायने भी निकाल रहे थे लेकिन उसके बाद भी शहर के होर्डिंग और बैनरों ने कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी को हवा दे दी ।

आठ साल पहले गढ़े थे कसिदे
गुना में सार्वजनिक मंच पर दोनों नेताओं ने आठ साल पहले एक-दूसरे की जमकर तारीफ की थी। 9 दिसंबर 2012 में कांग्रेस कार्यालय भवन के लोकार्पण के समय सिंधिया ने कहा था कि वह दिग्विजय सिंह के बेटे की तरह हैं। उन्होंने दिग्गी राजा को अपना प्रेरणास्रोत तक कह दिया था। वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सिंधिया यूपीए सरकार के सबसे काबिल मंत्री हैं। वहीं सिंधिया पर चुटकी लेते हुए कहा था कि बालहठ के आगे किसी की कहां चलती है।