40 % लोगों को डा‍यबिटीज के सामान्य स्तर का पता नहीं

अब मधुमेह रोगियों के इलाज के लिए एक नई तकनीक आ रही है। शोधकर्ताओं ने एआई तकनीक से कृत्रिम अग्नाशय बनाया है जो मधुमेह रोगियों के लिए इंसुलिन खुराक में सुधार कर सकता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि दुनिया में पहली बार इस प्रकार के अग्नाशय का निर्माण हुआ है।

जब हमारे शरीर के अग्नाशय में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को मधुमेह कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को ऊर्जा में बदलने का होता है।

यह नई एआई तकनीक पूर्ण सुरक्षा के साथ प्रत्येक व्यक्ति के रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए सर्वोत्तम इंसुलिन खुराक की सिफारिश कर सकती है। इसे में आने वाले समय में यह तकनीक मधुमेह रोगियों के लिए वरदान साबित हो सकती है। जिस प्रकार दुनिया भर में मधुमेह तेजी से फैल रहा है उसमें ये बेहद सहायक साबित होगी।

आजकल बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी मधुमेह के शिकार हो रहे हैं। दुनियाभर में मधुमेह के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जागरुकता की कमी से बढ़ रहा डा‍यबिटीज (मधुमेह) में शुगर नियं‍त्रण और इससे जुड़ी बीमारियों को लेकर लोगों की जानकारी बेहद कम है।

इस बाबत कराये गए एक अध्‍ययन से पता चला है कि 40 फीसदी लोगों को शुगर के सामान्‍य स्तर का पता नहीं है। यही नहीं डायबिटीज के लिए हर तीन महीने में करवायी जाने वाली औचक जांच यान एचबीएवनसी के बारे में केवल दस फीसदी लोग ही जानते हैं। बीमारी की कम जानकारी की वजह से डायबिटीज के करीब 50 फीसदी मरीज दिल की बीमारी के करीब हैं।