37 दिनों तक शरीर में जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस!
नई दिल्ली। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में यह वायरस 37 दिन तक जीवित रह सकता है। लांसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया है। यह अध्ययन चीन में करीब 800 संक्रमित लोगों पर किए अध्यन पर आधारित है। यानि इस बीमारी की चपेट में आने पर ठीक होने में 37 दिन तक का समय लग सकता है।
अध्ययन के अनुसार, वायरस से संक्रमित रहने की न्यूनतम अवधि 8 दिन दर्ज की गई, लेकिन यह बहुत कम लोगों में पाई गई। इसी प्रकार अधिकतम अवधि 37 दिन दर्ज की गई है। यह संक्रमित व्यक्ति के श्वसन तंत्र में मौजूद रहता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि 171 स्वस्थ हो चुके लोगों पर अध्ययन को आधार मानते हुए निर्धारित किया गया है कि वायरस के शरीर में जीवित रहने की अवधि औसत 20 दिन है।
अध्ययन में कई किस्म के मरीजों के आंकड़े एकत्र किए गए। यह पाया गया कि जिन 29 मरीजों को उपचार के दौरान एचआईवी/एड्स रोधी दवाएं लोपिनावीर और रिटोनावीर दी गई वे महज 14 दिनों में ठीक हो गए। यानी उनमें इस वायरस का प्रभाव जल्दी खत्म हुआ। इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि गंभीर रूप से संक्रमित जिन 32 मरीजों के आंकड़े एकत्र किए गए हैं, वह बेहद डरावने हैं। इन 32 मरीजों को मैकेनिकल वेंटीलेटर पर रखा गया तथा इनमें से 31 (97%) की मृत्यु हो गई।
जॉन हापकिन्स यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि संक्रमण शुरू होने की औसत अवधि 5.1 दिन है। यदि किसी व्यक्ति को संक्रमण होता है तो उसमें इसके लक्षण दिखने में अधिकतम 11.5 दिन लग सकते हैं। अभी 14 दिनों तक संक्रमण के लक्षण विकसित होने की अवधि मानी जाती है। यह सीडीसी अटलांटा के अध्ययन के आधार पर है। हालांकि जॉन हापकिन्स के अध्ययन में कहा गया है कि 14 दिनों की अवधि बेहद सुरक्षित है तथा इसे जारी रखा जाना चाहिए।