कोरोना से लड़ाई में मजबूत करता रामायण का किस्सा: विवेक शर्मा
सबसे काम आने वाली आज के समय में जानकारी भेज रहा हूं यह आपको उत्साह भी प्रदान करेगी और धैर्य भी, दरअसल रामसेतु पार करने के बाद जब सारी सेना श्रीलंका पहुंच गई तब भगवान श्रीराम ने सारी वानर सेना को तंबू बनाने का आदेश दिया। परंतु उन्होंने आदेश देने के साथ ही स्पष्ट निर्देश दिया कि अलग-अलग टुकड़ियों में तंबू बनाए जाएं कहीं भी तंबू या विश्राम स्थल एक साथ ना बनाए जाएं, तब विभीषण जी की ओर मुस्कुराकर देखते हुए प्रभु श्री राम ने कहा क्यों लंकेश मैं ठीक कह रहा हूं ना, तब विभीषण जी ने राम जी की बात को आगे बढ़ाते हुए सबको इस बारे में विस्तृत रूप से बताया उन्होंने कहा।।
हे श्री राम के सैनिकों हम दुश्मन के बेहद निकट हैं हम सब अगर निकट निकट में आपस में मिलजुल कर रहेंगे तो हो सकता है शत्रु एक ही बार रात्रि में अचानक आक्रमण कर भी दे तो सबकुछ तहस-नहस कर सकता है, परंतु जब हम एक निश्चित दूरी पर अलग-अलग टुकड़ियों में होंगे तो शत्रु का आक्रमण किसी एक जगह ही हो पाएगा और बाकी सभी लोग सतर्क हो जाएंगे और जिस टुकड़ी पर आक्रमण किया गया है उसकी आसानी से मदद भी कर पाएंगे, तब प्रभु श्री राम की सेना ने आज्ञा को शिरोधार्य किया और प्रभु श्रीराम के काम में लग गए।
हमारे जीवन में आने वाली हर विपत्ति के लिए हमारे ग्रंथों में विस्तृत वर्णन किया गया है, क्योंकि अभी जो विपत्ति है वह भी इस प्रसंग से 100 फ़ीसदी मेल खाती है, हम सभी अभी केवल अपने घर पर रहकर अपने ग्रंथों और पुराणों का अनुसरण करें आपके जीवन में आने वाली हर कठिनाई का सामना करने की क्षमता एवं उससे निपटने के बारे में आपको विस्तृत जानकारी मिलेगी। और हां बहुत ज्यादा आर्थिक संकट की चिंता करने की भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस भारत भूमि ने ऐसे कई आर्थिक संकट सैकड़ों बार देखे हैं।
आपने यह तो खूब सुना ही होगा मुगलों ने भारत को लूटा अंग्रेजों ने भारत को लूटा और भी कई आक्रमणकारियों ने भारत पर हमला किया और उसे बार-बार लूटा इतना लूटने के बाद भी जो देश फिर सीना तान के खड़ा हो जाए वह मेरा भारत देश ही है। मैं विश्वास दिलाता हूं हर समस्या का समाधान हमारे धर्म ग्रंथों में छुपा है बस उनका अनुसरण और पालन करने की ही हमारी जिम्मेदारी है इसलिए घर पर रहे और वेद ग्रंथों का अनुसरण करते रहें!
विचारक: विवेक शर्मा, विदिशा, म.प्र.
नोट: यह विचार लेखक के स्वयं है, कृपया इसे निजी विचार समझा जाए।