सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को मिला उत्सव में शामिल होने का अवसर
भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में बुधवार को भव्य श्री कृष्ण जन्माष्टमी महामहोउत्सव का आयोजन किया गया। सनातन धर्म में भाद्र कृष्ण अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस जन्माष्टमी व्रत पर्व के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण को दशावतारों में सर्वप्रमुख पूर्णावतार सोलह कलाओं से परिपूर्ण माना गया है। जिनका प्रकाट्य द्वापर के अंत में इस पावन ब्रज भूमि पर हुआ।
आज के इस पावन अवसर पर प्रातः कालीन बेला में मंगला आरती के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का शंखनाद किया गया। इसके पश्चात भगवान श्रीश्री राधा वृन्दावन चंद्र की धूप आरती, नवीन पोषाक धारण, फूलबंगला, झूलन महोत्सव के साथ छप्पन भोग का आयोजन किया गया। इस श्रंखला में सुंदर ढंग से सजाए गए मंदिर प्रांगण में भक्तों को रत्न जड़ित आभूषणों से सुशोभित और सुगन्धित फूलों के हारों से युक्त श्री राधा वृन्दावन चंद्र के दर्शन का लाभ सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुआ।
इस महामहोत्सव में प्रातः काल से ही भक्तों द्वारा अखण्ड हरीनाम नाम संकीर्तन किया गया। जिसमें मंदिर के भक्तों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं संध्या बेला में मंदिर के भक्तों ने अपने प्रभु श्री श्री राधा वृन्दावन चंद्र को प्रसन्न करने हेतु मधुर एवं कर्णप्रिय भजन प्रस्तुत किये। इस श्रृंखला में भक्तों द्वारा ठाकुर श्री श्री राधा वृन्दावन चंद्र के महाभिषेक का आयोजन किया गया। इसमें श्रीश्री राधा वृन्दावन चंद्र का महाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चारण, पंचगव्य दूध, दही, घी, शहद, मिश्री एवं विभिन्न प्रकार के फलों के रस, विभिन्न जड़ी बूटियों एवं फूलों से महाभिषेक प्रक्रिया को संपन्न कराया गया।
हालांकि यह उत्सव कोरोना महामारी की छाया में आयोजित किया गया, लेकिन भक्तों का उत्साह उनके उच्चतम स्तर पर ही रहा। मंदिर के सभी कार्यक्रमों को फेसबुक और यूट्यूब सहित विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर लाइव दिखाया गया। सभी भक्तों ने अपने घर से ही पूरे लाइव उत्सव में भाग लेकर अविस्मरणीय पल का आनंद एवं श्री श्री राधा वृंदावन चंद्र का आशीर्वाद प्राप्त किया।