कोरोना मरीजों के लिए बिहार में 1000 बेड का अस्पताल

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समाजसेवी अजय कुमार ने पीएम व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर जताया आभार

वरिष्ठ समाजसेवी व जन स्वास्थ्य एवं समग्र मानव विकास फाऊंडेशन के चेयरमैन अजय कुमार ने उनकी पहल पर बिहार में कोरोना मरीजों के लिए पीएम केयर फंड से बन रहे 1000 बेड के अस्थायी अस्पताल के लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया है।

अजय कुमार ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में कहा है कि केंद्र सरकार का यह कदम बताता है कि सरकार स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर कितनी संवेदनशील व गंभीर है। उन्होंने कहा है कि सरकार का यह कदम बिहार के कोरोना मरीजों के लिए बहुत कारगर साबित होगा।
इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन का पत्र के माध्यम से धन्यवाद व आभार जताया है।

गौरतलब है कि अजय कुमार पिछ्ले महीने से इसके लिये प्रयासरत थे तथा गत 3 अगस्त को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन को पत्र लिखकर बिहार में कोरोना मरीजों के लिए अतिशीघ्र 1000 बेड का हॉस्पिटल बनाने की मांग की थी, जिससे वहां पर कोरोना मरीजों का समुचित इलाज हो सके। प्रधानमंत्री ने 11 अगस्त को मुख्यमंत्रियों के साथ मिटिंग मे बिहार मे कोरोना की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की थी और टेस्टिंग बढाने पर बल दिया था।

अजय कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा था कि जिस तरह केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप कर दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए 2 सप्ताह के अंदर 1000 बेड का कोविड अस्पताल तैयार कराया जिसमें टेस्ट से लेकर वेंटिलेटर तक की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं ठीक उसी तर्ज पर बिहार में भी ऐसा ही हॉस्पिटल तैयार कराया जाए।

अजय कुमार ने पत्र में यह भी कहा था कि कोरोना के मामले में बिहार के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। यहाँ दिन ब दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है, अस्पतालों में जगह नहीं है। ऐसे में बिहार में भी जल्द से जल्द 1000 बेड का कोविड अस्पताल का निर्माण कराया जाए, जिससे यहां के मरीजों का उपचार हो सके और बिहार के लोगों की मदद हो सके।

अजय कुमार ने अपने पत्र में बिहार के स्वास्थ्य सुविधाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में प्रति एक लाख व्यक्ति पर महज 26 बेड उपलब्ध हैं, ऐसे में यहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं बिहार में प्रति हजार महज 4 लोगों के कोरोना टेस्ट किये जा रहे हैं जो कि बहुत कम है। इसके अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सर्वे के मुताबिक बिहार में कुल डॉक्टरों की आधी संख्या पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर जिलों तक सीमित है, इससे ये अनुमान लगाया जा सकता है कि अन्य जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल होगा।

अजय कुमार की इस पहल के बाद अब केंद्र सरकार ने पीएम केयर फंड से बिहार में कोरोना मरीजों के लिए 500 बेड का एक हॉस्पिटल बिहटा में और इतनी ही क्षमता का दूसरा हॉस्पिटल मुजफ्फरपुर में तैयार कर रही है। जिसके बाद अजय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया है।
गौरतलब है कि अजय कुमार लगातार डेढ़ दशक से भी अधिक समय से स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार का दर्जा दिलाने को लेकर प्रयासरत हैं और उनके इस अभियान का 80 से अधिक सांसदों ने पत्र लिखकर समर्थन किया है। कोरोना काल की शुरुआत में ही अजय कुमार ने डब्लयूएचओ के डायरेक्टर को भी पत्र लिखकर कोरोना के प्रति आगाह किया था और इसे मानव युद्ध से भी खतरनाक बताया था जिसका जिक्र बाद में डब्ल्यूएचओ ने भी अपने बयान में किया।