गंदे हाथों से कई जगह फैल सकता है कोरोना वायरस !
नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन की अवधि के दौरान सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने के लिए डब्ल्यूपी (PIL) संख्या 10808/2020 में उच्चतम न्यायालय के 3.4.2020 आदेश का पालन करते हुए जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) ने सभी राज्यों / संघ शासित प्रदेशों को 13 अप्रैल, 2020 को एक परामर्श जारी किया।
लॉकडाउन में ढील देने और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू होने, विशेष रूप से मानसून के बाद काम करने का मौसम शुरू होने के साथ, पानी की आपूर्ति संबंधी बुनियादी ढाँचाकार्यों का बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन किया जाना है और गांवों में सभी परिवारों को नल के पानी का कनेक्शन प्रदान करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की गति में तेजी लाना है। इसलिए, वायरस को फैलने से रोकने और दबाव से बचने के लिए सभी आवश्यक सावधानियों का पालन करना डब्ल्यूएएसएच सेवा प्रदाताओं के लिए सबसे जरूरी है।
कोविड-19 वायरस सांस की बूंदों या संपर्क के माध्यम से फैलता है, और संक्रमण तब होता है जब गंदे हाथ मुंह, नाक या आंखों के म्यूकोसा (श्लेष्मल झिल्ली) को छूते हैं; वायरस गंदे हाथों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी फैल सकता है, जिससे अप्रत्यक्ष संपर्क संचरण की सुविधा मिलती है। एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखने के साथ, उचित आपूर्ति तक पहुंच सहित मल्टीमॉडल रणनीतियों के माध्यम से संक्रमण का प्रसार कम करने के लिए हाथों को धोकर साफ रखना सबसे प्रभावी एकल उपाय है।
कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए नियमित अंतराल पर हाथ धोकर हाथ साफ रखे जा सकते हैं, लेकिन साथ ही,प्रत्येक ग्रामीण परिवार के परिसर के अंदर नल का पानी उपलब्ध कराने की तत्काल आवश्यकता है।
जल जीवन मिशन के तहत पर्याप्त निधि उपलब्ध कराई गई है। मिशन न केवल पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बल्कि घर वापस चले गए श्रमिकों के लिए रोजगार सृजित करके वर्तमान महामारी से हो रही परेशानी को कम करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रस्तुत कर रहा है। विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देने के साथ इस संदर्भ में, यह पूरक परामर्श डीडीडब्ल्यूएस द्वारा हर घर को सुरक्षित जल सेवा वितरण के लिए जारी किया है।