किसानों की राय के बिना फैसले से नाराज BSP
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अलावा बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने संसद में पारित किसान संबंधी विधेयकों के पारित होने पर विरोध जताया है। BSP सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, पास कर दिये गये हैं। उससे BSP कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है।
इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा। इसी प्रकार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया भाजपा सरकार खेती को अमीरों के हाथों गिरवी रखने के लिए शोषणकारी विधेयक लाई है। ये खेतों की मेड़ तोड़ने का षड्यंत्र है और साथ ही MSP सुनिश्चित करनेवाली मंडियों के धीरे-धीरे खात्मे का भी। भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वो अपनी ही ज़मीन पर मज़दूर बन जाएँगे।
गौरतलब है कि लोकसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित किया गया जिसका पंजाब समेत देश के कुछ राज्यों में विरोध हो रहा है। इस बिल के विरोध में राजग के घटक दल की शिरोमणि अकाली दल की मंत्री हरमिरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि बिल कृषि क्षेत्र में बिचौलियों की परंपरा को खत्म करेगा जिसका सीधा असर किसानो की आय पर पड़ेगा।
उन्होने ट्वीट किया किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं। उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे। ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं।’