वैक्सीन आए या न आए कोरोना से कब तक सामान्य होंगे हालात

Corona

नई दिल्ली। कोविड-19 का प्रसार एक तरफ से जहां तेजी के साथ हो रहा है तो वहीं इसके खिलाफ कई देशों में वैक्सीन का ट्रायल तो चल रहा है, लेकिन इसके जल्द आने की संभावना नहीं दिख रही है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी को वहां की सरकार की तरफ से मंजूरी दी गई है लेकिन इसका भी तीसरे चरण में ट्रायल चल रहा है।

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक वैक्सीन आएगी और कब तक हालात सामान्य होंगे एम्स के कम्युनिटी मेडिसीन डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर संजय सिंह की मानें तो अगले साल के मध्य तक वैक्सीन आए या न आए, हालात सामान्य होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि तब तक कोई भी प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध नहीं होगी और कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए मास्क लगाने और हैंड सेनाटाइजर जैसे उपाय ही करने होंगे। डॉक्टर संजय सिंह ने बताया कि आईसीएमआर के अप्रैल-मई में किए गए सीरो सर्वे में 18 साल से ज्यादा के 64 लाख वयस्क संक्रमित पाए गए।

सीरो सर्वे सिर्फ इन्फैक्शन के डायरेक्शन को दिखाता है जबकि टेस्टिंग से वास्तविक संक्रमितों का आंकड़ा पता चलता है। एम्स के कम्युनिटी मेडिसीन डिपार्टमेंट के अध्यक्ष ने बताया कि भारत में कोविड-19 वैक्सीन के दूसरे चरण का ट्रायल जारी है और करीब 600 लोगों पर यह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ योजना के मुताबिक रहा तो दुनिया में कहीं भी कोई भी वैक्सीन अगले साल के मध्य तक ही आ पाएगी।

डॉक्टर संजय सिंह ने कहा कि टेस्टिंग तर्कसंगत होना चाहिए और रोगियों पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। सामुदायिक प्रसार के मामले में रणनीति को बदलने की जरूरत है। हमें अब मृत्यु पर ध्यान देना चाहिए न कि मरीजों को अलग करने पर।

देश में कोविड-19 के 96,424 नये मरीज सामने आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 52 लाख के पार हो गई है। हालांकि, राहत की बात ये है कि भारत में कोविड-19 मरीजों की संख्या 52 लाख के पार हुई, ठीक होने की दर 78.86 प्रतिशत है।