शरद यादव बने राहुल गांधी के गुरु
नई दिल्ली। देश की राजनीति में अभी तक यह माना जाता रहा था कि मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को राजनीति का पाठ पढ़ाया है। लेकिन हाल ही में राहुल गांधी ने बिहार के मधेपुरा में यह रहस्योघाटन किया है वे शहर यादव से राजनीति का ककहरा सीखा है। यही नहीं उन्होंने वहां के लोगों से गुरू दक्षिणा के रूप में शरद यादव की बेटी सुहासिनी की जीत मांगी। मालूम हो कि बुधवार को राहुल गांधी मधेपुरा जिला के बिहारीगंज में चुनाव प्रचार के लिए गए थे।
शरद यादव की पुत्री सुहासिनी वहां कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उसी सभा में राहुल ने कहा-शरद यादव हमारे गुरु हैं। इस नाते सुहासिनी उनकी गुरु बहन हैं। वह अपनी बहन के लिए वोट मांगने आए हैं।
राहुल ने बताया कि आंध्र प्रदेश की एक यात्रा के दौरान उन्हें दो घंटे तक शरद के साथ कार में सफर करने का मौका मिला था। उसी समय उन्होंने राजनीति का पाठ पढ़ाया। इधर समाजवादी लोग चकरा रहे हैं कि आखिर शरद ने कब राहुल गांधी को शिक्षक की तरह राजनीति और इतिहास का पाठ पढ़ाया। क्योंकि शरद की पहचान धुर कांग्रेस विरोध की है।
प्रदेश जदयू के अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने राहुल गांधी के गुरु वाले खुलासा पर हैरत में हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के दावे पर सहज विश्वास का कोई कारण नजर नहीं आता है। प्रदेश जदयू के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा-उन्हें राहुल गांधी के दावे पर भरोसा नहीं हो रहा है।
कांग्रेस के विरोध में हुए जेपी आन्दोलन में शरद की महत्वपूर्ण भूमिका थी। वे उस दौर के अग्रणी नेताओं में थे। संसद में और संसद के बाहर उन्होंने कांग्रेस का मुखर विरोध किया है। पता नहीं, कब उन्होंने कब राहुल गांधी को शिक्षा दी। दो घंटे के सफर में किसी को गुरु मान लेना भी अजूबा है।
जदयू विधायक दल के पूर्व नेता गणेश प्रसाद यादव ने कहा कि गुरु और शिष्य दोनों समरूप हैं। उन्हें इस खबर से न हर्ष है न विषाद। सिर्फ यही समझ में आ रहा है कि देश में समाजवाद की इतनी खराब दशा क्यों हुई।