अमेरिका को मिलेंगी फाइजर की वैक्सीन की 10 करोड़ डोज

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कहर के बाद दुनिया को राहत देने वाली खबर आ रही है। फार्मा कंपनी फाइजर की कोरोना वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में 90 प्रतिशत कारगर पाई गई है। उम्मीद है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस महीने के आखिर तक कंपनी की वैक्सीन को बेचने की मंजूरी मिल सकती है। इसका फाइनल प्रॉडक्ट इसी साल तैयार हो सकता है।

भारत को तत्काल इस वैक्सीन का कोई फायदा नहीं मिलेगा। कोरोना वैक्सीन की शुरुआती डोज सबसे पहले अमेरिका में दी जाएगी। अमेरिका पहले ही इसकी 10 करोड़ डोज खरीदने के लिए करार कर चुका है। कनाडा, जापान और ब्रिटेन ने भी एडवांस में ऑर्डर दे रखा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि एमआरएनए वैक्सीनों के लिए तापमान संबंधी सख्त जरूरतों की वजह से भी नेशनल इम्युनाइजेशन स्ट्रैटजी के तहत भारत में इसका इस्तेमाल मुश्किल होगा। यह वैक्सीन एमआरएनए पर आधारित है। फाइजर का कहना है कि इस डेटा के आधार पर वह अमेरिका में भी इमरजेंसी ऑथराइजेशन एप्रूवल के लिए अप्लाई नहीं कर सकती है।

कंपनी ने बताया कि सेफ्टी पर और डेटा की जरूरत है और कंपनी मौजूदा क्लीनिकल स्टडी के दौरान सेफ्टी डेटा इकट्ठा कर रही है। फाइजर ने यूरोप और एशिया में इस वैक्सीन के वितरण के लिए जर्मनी की कंपनी बायोनटेक और चीन की कंपनी फोसुन के साथ करार किया है। भारत इस ग्लोबल डील का हिस्सा नहीं है। साथ ही फाइजर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) समर्थित कोवैक्स फैसिलिटी का हिस्सा भी नहीं है। यह फैसिलिटी गरीब और मध्य आय वर्ग वाले देशों के लिए वैक्सीन जुटाने के लिए बनाई गई है।

भारत ने किसी भी ग्लोबल या घरेलू वैक्सीन कंपनी के साथ एडवांस खरीद समझौता नहीं किया है। एमआरएनए वैक्सीन को माइनस 17 डिग्री तापमान पर स्टोर करना पड़ता है। ऐसा करना अमेरिका के लिए भी एक चुनौती है। वेलकम ट्रस्ट इंडिया के पूर्व सीईओ देविंदर गिल ने कहा कि भारत में राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी योजना चलाना नामुमकिन है। यही वजह है कि भारत जैसे देशों में ऐसी वैक्सीन की दरकार होगी जिसे लोगों तक पहुंचाना आसान हो।

अमेरिका में एडवांस ऑर्डर के अलावा फाइजर को वैक्सीन डेवलप करने के लिए 1 अरब डॉलर से अधिक की फंडिंग भी मिली है। अमेरिका के बाद भारत कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देश है। भारत में 85 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 1 लाख 26 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना महामारी से दुनियाभर में अब तक 12 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।