कृषिमंत्री तोमर ने किसानों को भेजे 8 आश्वासन, लिखा पत्र
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज कृषि कानूनों के विरोध के बीच देश के किसानों को चिट्ठी लिखी हैं। 8 पन्ने की चिट्ठी में नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को 8 आश्वासन दिए हैं।उन्होंने कहा है कि सरकार एमएसपी लिखित में आश्वासन देने को तैयार है। उन्होंने एक बार फिर साफ किया कि एमएसपी जारी है और जारी रहेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि राजनीति के लिए कुछ लोग झूठ फैला रहे हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने बिना भेदभाव सभी का हित करने का प्रयास किया। पिछले 6 वर्षों का इतिहास इसका साक्षी है। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि आप विश्वास रखिए, किसानों के हितों में किए गए ये सुधार भारतीय कृषि में नए अध्याय की नींव बनेंगे। देश के किसानों को और स्वतंत्र करेंगे, सशक्त करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ किसान समूहों ने अफवाह और गलत सूचना फैलाई है। उन्हें दूर करना मेरा काम है। मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को ये चिट्ठी तब लिखी है जब सरकार और दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों के बीच वार्ता रुक चुकी है। दिल्ली की सीमाओं पर 22 दिन से किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले।वहीं, सरकार ने किसानों को संशोधन का प्रस्ताव दिया था, जिसे ठुकरा दिया गया। पांच दौर की वार्ता असफल रहने के बाद सरकार और किसानों में फिलहाल बातचीत ठप है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चिट्ठी में लिखा कि रेलवे की पटरियों पर बैठे लोग, जिनके कारण देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे सैनिकों तक राशन पहुंचना बंद हो गया है, वो किसान नहीं हो सकते। कृषि मंत्री ने चिट्ठी में लिखा कि ऐतिहासिक कृषि सुधार को लेकर पिछले कुछ दिनों से मैं लगातार आपके (किसान) संपर्क में हूं। बीते दिनों मेरी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई। कई किसान संगठनों ने इन कृषि सुधारों का स्वागत किया है, वे इससे बहुत खुश हैं, किसानों में एक नई उम्मीद जगी है।
कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की वो राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित कुछ लोगों द्धारा फैलाए जा रहे इस सफेद झूठ को पहचानें और सिरे से खारिज करें।
– कृषि मंत्री ने क्या दिए 8 आश्वासन
– किसानों की जमीन को खतरा नहीं, मालिकाना हक उन्हीं का रहेगा।
– किसानों को तय समय पर भुगतान किया जाएगा।
– तय समय पर भुगतान नहीं करने पर जुर्माना लगेगा।
– खुले बाजार में अच्छे दाम पर फसल बेचने का विकल्प।
– एम एस पी जारी है और जारी रहेगी।
– मंडियां चालू हैं और चालू रहेंगी।
– करार फसलों के लिए होगा, जमीन के लिए नहीं, किसान जब चाहें करार खत्म कर सकते हैं।
– ए पी एम सी मंडियां कानून के दायरे से बाहर हैं। ‘कृषि कानूनों को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम’।