जमीन निवेश में IPS अधिकारियों की पहली पसंद दिल्ली-नोएडा
नई दिल्ली/नोएडा। झारखंड में तैनात आईपीएस अधिकारियों की जमीन में निवेश की पहली पसंद दिल्ली व नोएडा के रिहायशी इलाके हैं। दिल्ली-नोएडा के अलग अलग सेक्टरों में फ्लैट के साथ साथ भूखंड में भी झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारियों ने निवेश किया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय के आदेश के बाद राज्य के 80 आईपीएस अधिकारियों ने अपनी अचल संपत्ति की घोषणा की है।
राज्य कैडर के सबसे अधिक अचल संपत्ति अर्जित करने वाले आईपीएस अधिकारी अजय भटनागर हैं। उन्होंने संपत्ति के विवरण में 5 करोड़ की जमीन की जानकारी दिल्ली, नोएडा व रांची में बतायी है। अजय भटनागर ने बताया है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान वे सपत्निक यूएन में पोस्टेड थे, इस दौरान उन्हें न्यूयार्क, यूरोप व अफ्रीका के अलग अलग देशों में काम किया।
वहां उन्हें विदेशी मुद्रा में सैलरी मिलती थी। रांची में जमीन के एक चर्चित कारोबारी से भी कुछ आईपीएस अधिकारियों ने जमीन की खरीद की है। उस जमीन कारोबारी के खिलाफ सीबीआई पूर्व में कार्रवाई कर चुकी है। जमीन व फ्लैट के मेन रोड समेत अन्य रिहायशी इलाकों में होने के बाद भी इसकी खरीद व बाजार की अनुमानित कीमत कम बतायी गई है।
एक आईपीएस अधिकारी ने मेन रोड के सबसे पॉश अपार्टमेंट में अपना फ्लैट बताया है, लेकिन इसकी कीमत काफी कम बतायी है। राज्य में पोस्टेड रहे अधिकांश आईपीएस अधिकारियों ने कोऑपरेटिव के जरिए भी जमीन की खरीद की है। लेकिन उस कोऑपरेटिव की जमीन पर अबतक कोई निर्माण कार्य नहीं करा पाया है।
गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, सभी आईपीएस अधिकारियों को 31 जनवरी तक अचल संपत्ति का ब्यौरा देना था। लेकिन अबतक अंजनी अंजन, ए नटराजन, अनुराग गुप्ता, टी कंडासामी, मनोज कौशिक, राजकुमार लकड़ा, कुमार रविशंकर, कुसुम पुनिया, अजीत पीटर डुंगडुंग, अंबर लकड़ा, अनुरंजन किस्पोट्टा, चंदन कुमार सिन्हा, मणिलाल मंडल, मो. अर्शी, अंशुमन कुमार, हरिलाल चौहान, श्रीकांत एस खोत्रे, आनंद प्रकाश, कुमार गौरव, अजीत कुमार, शौर्य सुमन, कुमार शिवाशीष ने संपत्ति का विवरण नहीं दिया है।