एक साल के लाॅकडाउन में पेवल्र्ड का ग्रोथ दोगुना

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पूरे देश में ज़रूरी वित्तीय सेवाओं के विस्तार के साथ पेवल्र्ड के कारोबार में तेज वृद्धि

नई दिल्ली: महामारी के साथ लाॅकडाउन के गहरे संकट से गुजरते देश की मदद के लिए आगे बढ़ कर फिनटेक कम्पनी पेवल्र्ड ने समाज के कमजोर तबकों के लोगों को ज़रूरी वित्तीय सेवा सुलाभ करा कर उनकी जिन्दगी आसान कर दी। गुरुग्राम-दिल्ली एनसीआर आधारित फिनटेक कम्पनी पेवल्र्ड कई बैंकों का बैंकिंग करेस्पांडेंट है।

पेवल्र्ड खास कर भारत के अर्द्धशहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में सहायता सहित ज़रूरी वित्तीय सेवाएं देती है। इसके नेटवर्क में 4 लाख से अधिक रिटेलर हैं। कम्पनी एईपीएस, डोमेस्टिक मनी रेमिटेंस, बीमा, डिजिटल पेमेंट, रेल एवं हवाई जहाज टिकट की बुकिंग और अन्य सेवाएं बहुत बड़ी संख्या मंे ऐसे लोगों को देती है जिन्हें सबसे अधिक ज़रूरत है और कम्पनी ने महामारी के संकट में भी ऐसे लोगों की सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया।

कोविड 19 से पहले ही यह तथ्य सामने आ गया था कि पेवल्र्ड वित्तीय सेवाओं में बड़ी भूमिका निभाएगी पर महामारी आने से इसकी सेवाओं का विस्तार तेज हो गया। कोविड 19 आने के बाद काम का तरीका और ग्राहकों के बैंक सेवा लेने की आदतें बदल गईं। परिणामस्वरूप फिनटेक कम्पनी की सेवाओं की मांग बढ़ गई। कम्पनी ने आधुनिक तकनीक से वित्तीय सेवाएं देने का अधिक तेज, सक्षम और अपेक्षाकृत सस्ता नेटवर्क बनाया। कम्पनी की तमाम सेवाएं रिटेलरों (स्थानीय गांवों, अर्द्धशहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों) के सहयोग से तेजी से बढ़ीं जैसे रेमिटेंस, बीमा और टिकट बुकिंग। उनकी मदद से कम्पनी दूर-दराज के गांवोें तक पहंुची और लोगों को बैंकिंग सेवाओं के लिए दूर जाने की परेशानी से बचाया। पेवल्र्ड के रिटेलर इस दौरान 2 लाख से बढ़ कर 4 लाख हो गए। ग्रामीण क्षेत्रों में कम्पनी की पहंुंच बढ़ी जहां डिजिटल तकनीक से वंचित 70 प्रतिशत से अधिक आबादी बसती है।

पेवल्र्ड के सीओओ श्री प्रवीण डभाई ने बताया, ‘‘महामारी की चपेट में आने की चिंता से लोगों का यात्रा करना लगभग बंद हो गया और हम ने तकनीक की मदद से रिटेलरों को जोड़ने और प्रशिक्षण देने का काम किया। इस तरह पेवल्र्ड भारत के अर्द्धशहरी और ग्रामीण नागरिकांे तक पहंुची। आज यूपी और बिहार में सबसे अधिक ग्रोथ दिख रहा है। लोग बारंबार सबसे अधिक एईपी की सेवाएं ले रहे हैं। एक साल के अंदर हम ने रिटेलरों में 50 प्रतिशत, डिस्ट्रिब्यूटरों में 25 प्रतिशत और ट्रांजेक्शन में 110 प्रतिशत वृद्धि देखी है। आगे हमारी योजना यूपी और बिहार की सफलता दुहराना है और दूर-दराज के क्षेत्रों में पहंचना है ताकि आर्थिक विकास और इस डिजिटल दौर में सब को शामिल कर भारत के विकास में योगदान देना है।’’