फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 186 करोड़ की जमीन सिर्फ 3 करोड़ में बेचीं
नई दिल्ली। एमआर एमजीएफ कंपनी के पूर्व प्रंबध निदेशक पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कंपनी की जमीन को अपनी शैल कंपनी में बेचने का आरोप है। प्रंबध निदेशक ने एमआर एमजीएफ कंपनी की 186 करोड़ रुपये की जमीन को सिर्फ तीन करोड़ रुपये में अपनी शैल कंपनी को बेच दिया।
एमआर इंडिया कंपनी के कर्मचारी की शिकायत पर विभिन्न धाराओं में पूर्व प्रंबध निदेशक,उनकी पत्नी सहित 5 के खिलाफ डीएलएफ फेज-1 थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार साल 2005 में एमआर और एमजीएफ ने मिलकर भारत में एक ज्वाइंट वेंचेर कंपनी बनाई थी।
उसके बाद कंपनी ने गुरुग्राम में सहित अन्य शहरों को करोड़ों रुपयों की जमीन खरीदी और उसके बाद कई प्रोजेक्ट भी लांच किए। एमआर-एमजीएफ कंपनी के भारत में प्रंबध निदेशक श्रवण गुप्ता थे। उन्होने इस दौरान सेक्टर-62 सहित अन्य जगह ज्वाइंट वेंचर में खरीदी गई 186 करोड़ की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपनी शैल कंपनी को तीन करोड़ में रुपये बेच दिया।
आरोप है कि इस दौरान उन्होने डीटीसीपी विभाग को भी फर्जी दस्तावेज भी दिए। एमआर और एमजीएफ साल 2016 में अलग हो गई। एमआर कंपनी साल 2016 के बाद से एमआर इंडिया बन गई और एमजीएफ कंपनी अलग हो गई। साल 2019 में इस फर्जीवाडें का खुलासा हुआ था। उसके बाद मामले की जांच हुई। करीब 3 दिन पहले डीएलएफ फेज-1 थाने में मामला दर्ज हुआ।
गौरतलब है कि एमआर दुबई की कंपनी थी। साल 2005 में एमआर दुबई और एमजीएफ के श्रवण गुप्ता की कंपनी ने ज्वाइंट वेंचर पर काम करना शुरू किया था। दोनों कंपनियों का प्रंबध निदेशक श्रवण गुप्ता को बनाया था।