अब टीकाकरणअभियान पर सियासत गरमाई

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कोविड टीकाकरण के पंजीकरण के लिए केंद्र सरकार के कोविन पोर्टल को लेकर सियासत तेज हो रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के साथ अन्य कांग्रेस शासित राज्य भी नए ऐप का मसला उठा सकते हैं। छत्तीसगढ़ अगले कुछ दिनों में नया पोर्टल लांच करने की तैयारी में है। सूत्रों ने कहा, दरअसल विपक्ष के कुछ राज्य वैक्सीन के लिए केंद्र की प्रचार रणनीति से असहज हैं। वैक्सीन प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की फोटो को लेकर दबी जुबान में सवाल उठाए जा रहे हैं। चुनाव के दौरान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस पर सवाल उठाया था। कुछ राज्य सीधे बोलने से परहेज कर रहे हैं लेकिन उनका असहज होना साफ नजर आ रहा है। उधर, सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ अपना नया राज्य स्तरीय पोर्टल लांच करने की तैयारी में है।

जिससे राज्य अपना अलग से पंजीकरण कर सके और इसमे फ्रंटलाइन वर्कर को अलग से चिन्हित किया जा सके। हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी राज्य स्तरीय ऐप की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं। उद्धव ने पत्र में आशंका जताई थी कि 18 से 45 वर्ष के लोगों के पंजीकरण में बड़ी तादाद की वजह से कोविन साइट क्रैश कर सकती है या इसमे अनुचित गतिविधियों का भी डर है। उन्होंने सुझाव दिया था कि या तो राज्य अपना ऐप या पोर्टल बनाये। जिसमे पंजीकरण करके केंद्र से डेटा साझा किया जाए। या फिर केंद्र द्वारा खुद राज्यों के लिए नया ऐप डिजाइन करके उन्हें सौंपा जाए।फिलहाल केंद्र ने अभी इस मसले पर कुछ नही कहा है, लेकिन केंद्र के अधिकारी मानते हैं कि कोविन बहुत अच्छी तरीके से डिजाइन किया गया है और इसमे सुरक्षा को लेकर भी बेहतर व्यवस्था है। केंद्रीय अधिकारी राज्य स्तर पर ऐप या पोर्टल को गैर जरूरी मानते हैं।

कुछ राज्यों का तर्क है कि जब 18 से 45 वर्ष की आयु के टीकाकरण में धनराशि राज्य खर्च कर रहे हैं तो वे अपना अलग पंजीकरण करने और अलग ऐप या पोर्टल बनाने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि वैक्सीन पर आने वाले खर्च को लेकर भी केंद्र राज्य के अलग-अलग दावे हैं। छत्तीसगढ़ का मानना है कि 45 वर्ष से ऊपर का पंजीकरण कोविन के जरिये कराने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जब इससे कम उम्र का अधिकांश खर्च राज्य वहन कर रहा है तो उसपर केंद्र का ऐप थोपा नही जा सकता। राज्य फ्रंट लाइन वर्कर के लिए अलग से चिन्हित करने की व्यवस्था केंद्रीय ऐप में न होने का सवाल भी उठा रहा है।

अभी छत्तीसगढ़ ने पत्रकार,वकील,अध्यापक सहित कई वर्गों को फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में रखा है। दिल्ली सरकार ने भी वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन पोर्टल कोविन में समस्या को उठाया था। सीएम द्वारा अपना पोर्टल या ऐप बनाने की भी मांग की गई थी। जिससे सभी लोगों को आसानी से वैक्सीन दी जा सके। केजरीवाल ने केंद्र से कहा था कि ऐप में समस्या आने से आम लोगों का समय व्यर्थ हो रहा है। आप राज्यों को अनुमति दीजिए कि वह टीका लगाने के लिए अपनी कोई ऐप या तरीका बना सकें, जिससे लोगों को टीका लगवाने में दिक्कत ना हो और वह लोग भी टीका लगा सके जो टेक्नोलॉजी नहीं जानते।