एम्स डॉक्टरों ने कहा, कोरोना मरीज घर पर न लें रेमडेसिविर

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नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना के मरीज घर पर रहने के दौरान रेमडेसिविर न लें। इसे अस्पताल में तभी लिया जा सकता है, जब ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे आ जाए। एम्स के डॉक्टरों ने ये बातें होम आइसोलेशन के दौरान चिकित्सा और देखभाल विषय पर आयोजित एक वेबिनॉर में ये बातें कहीं।

वहीं, एक और डॉक्टर मनीष ने कहा, अगर ऑक्सीजन स्तर 94 के नीचे आता है तो मरीज को भर्ती होना चाहिए और मरीज की उम्र, अन्य बीमारियों और उसके ऑक्सीजन स्तर की निगरानी होनी चाहिए। डॉ. नीरज ने कहा, 80 फीसदी मरीजों हल्के लक्षण वाले होते हैं। वहीं, अगर पहली रिपोर्ट निगेटिव आती है और लक्षण कायम हैं तो आरटी-पीसीआर टेस्ट फिर कराएं। गंभीर स्थिति होने पर ही अस्पताल में भर्ती हों। डॉक्टरों को सही समय और उचित मात्रा में दवाएं देनी चाहिए।

हल्के लक्षणों वाले और बिना लक्षणों वाले मरीजों को घर पर ही आइसोलेट किया जाना चाहिए। परिवार के दूसरे सदस्यों, खास तौर पर बच्चों से दूर रहें। ऐसे मरीज तीन स्तरों वाला मास्क पहनें और हर आठ घंटे पर ठीक से सैनिटाइज करें। डॉक्टरों ने कहा कि ऑक्सीजन स्तर की जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

मगर जांचने से पहले उंगलियों पर नेल पॉलिश नहीं होनी चाहिए। हाथ गर्म होना चाहिए। जांच से पहले पांच मिनट आराम करें। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि आइवरमेक्टिन और पैरासिटामॉल का इस्तेमाल इम्युनिटी के स्तर के आधार पर करना चाहिए। एजिथ्रोमाइसिन के इस्तेमाल से बचें।