भारत में दल-बदल विरोधी कानून में बदलाव की है जरुरत: स्पीकर
नई दिल्ली। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा है कि देश में दल-बदल विरोधी कानून में बदलाव की जरुरत है। शनिवार को बतौर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के कार्यकाल के 2 साल पूरे हो गए। लोकसभा स्पीकर ने इस मौके पर मीडिया से कई अहम बातों पर खुलकर बातचीत की है। नये संसद भवन के निर्माण को लेकर लोकसभा स्पीकर ने कहा है कि नए भवन का निर्माण करना सरकार के अहंकार की बात नहीं है।
लोकसभा और राज्यसभा ने सरकार से अनुरोध किया था कि वर्तमान इमारत जो दुनिया में ऐतिहासिक और अद्वितीय है, वह अब 100 साल पुरानी हो गई है। इमारत भूकंप के लिहाज से सुरक्षित नहीं है। यह इमारत कई कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। लोकसभा स्पीकर ने आगे कहा कि अंग्रेजों द्वारा निर्मित प्रतिष्ठित इमारत कई मायनों में अपर्याप्त है। 900 करोड़ रुपये की लागत से एक नए जमाने का हरित संसद भवन बनाया जा रहा है।
स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि हम संसद के कामकाज में पैसा बचा रहे हैं और अब तक 400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की जा चुकी है। लोकसभा स्पीकर ने जानकारी दी है कि अब तक 440 लोकसभा सांसदों ने सूचित किया है कि उन्होंने कोविड -19 के खिलाफ टीका ले लिया है। कोविड महामारी के कारण लोकसभा की उत्पादकता पर असर नहीं पड़ा है। ओम बिड़ला ने कहा है कि बतौर अध्यक्ष उन्हें काम करने का बेहतरीन अनुभव हासिल हुआ।
उन्होंने कहा कि इस दौरान हमने प्रजातंत्र को मजबूत करने की दिशा में काम किया और कोविड-19 महामारी के दौरान भी हम काम करते रहे। ओम बिड़ला ने दल-बदल विरोधी कानून पर चर्चा करते हुए मीडिया से बातचीत में कहा है कि जब यह कानून लाया गया था तब राजनीतिक हालात अलग थे और आज हालात अलग हैं।
उस वक्त लोग पार्टी के सिद्धांतों को लेकर काफी गंभीर थे लेकिन अब हालात बदल गए हैं। एलजेपी में अध्यक्ष को लेकर चल रहे मौजूदा विवाद पर ओम बिड़ला ने कहा है कि ‘हम तब तक कार्रवाई नहीं कर सकते जब तक दलबदल विरोधी कानून के तहत एक याचिका प्राप्त नहीं हो जाती और उसका निपटारा नहीं हो जाता।