SC से बाल आयोग में रिक्तियां नहीं भरने के लिए राज्यों पर जुर्माना
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने १३ राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों पर अपने राज्य बाल अधिकार आयोगों में रिक्तियां नहीं भरने के लिए ५०-५० हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्रीय कानून का पालन अवश्य ही किया जाना चाहिए।
जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने २००५ में दायर संपूर्ण बेहरुआ की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इन राज्यों ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, २००५ की धारा १८ का स्पष्ट उल्लंघन किया है। इसी धारा के तहत आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति की जाती है।
जिन राज्यों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें आंध्र प्रदेश, असम, गोवा, बिहार, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तराखंड के अलावा केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दिल्ली शामिल हैं। पीठ ने इन राज्यों को ४ हफ्ते के भीतर रिक्तियां भरने और जुर्माने की राशि तीन हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के पास जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा कि अगर तय समयसीमा के भीतर रिक्तियां नहीं भरी गईं तो संबंधित सरकारों के महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिवों को उपस्थित होकर कानून का उल्लंघन किए जाने का कारण बताना होगा।अगली सुनवाई ११ जुलाई को होगी।