राज्यसभा में सरकार ने कहा, दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यसभा में दावा किया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा राज्यसभा में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों को लेकर सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जवाब देते हुए यह दावा किया गया। सरकार का यह दावा कोरोना काल के दौरान देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले असंख्य मरीजों की मौत को झुठला रहा है, जिनकी रिपोर्टिंग मीडिया ने बड़े पैमाने पर की थी।
राज्यसभा में सरकार ने बताया कि कोरोना से होने वाली मौतों की जानकारी नियमित आधार पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देते हैं। लेकिन किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को जानकारी नहीं दी है।
इससे पहले राज्यसभा में कोविड मुद्दे पर चर्चा के लिए राजी होने के बाद दोपहर एक बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कुछ सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं क्योंकि मुझे बोलने नहीं दिया गया। मैं 50 साल से सदस्य हूं और 2019 को छोड़कर चुनाव नहीं हारा जब चुनाव में धांधली हुई थी।
सदन के फिर से शुरू होने और कोरोना योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू होने के बाद खड़गे ने चर्चा जारी रखी और कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान, पूरी तरह से अराजकता थी और विशेष रूप से गंगा में दयनीय स्थिति देखी गई थी।
उन्होंने कहा, “मौतों पर सरकार का आंकड़ा सही नहीं है क्योंकि भारत में छह लाख से ज्यादा गांव हैं और अगर एक गांव में 5 लोगों की मौत हुई है तो 30 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है, लेकिन यदि आप शहरी केंद्रों को जोड़ते हैं तो डेटा 52 लाख से अधिक लोगों का हो सकता है जिन्होंने कोविड -19 के कारण दम तोड़ दिया। सरकार गलत डेटा जारी कर रही है, इसलिए उन्हें बेनकाब करना आवश्यक है।
उन्होंने कोविड पर मोहन भागवत के बयान पर भी आरएसएस पर हमला किया, जिन्होंने कहा था कि जो लोग कोविड के कारण मारे गए वे जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्त हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महामारी के प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही है क्योंकि ऑक्सीजन, अस्पताल के बिस्तर उपलब्ध नहीं थे।