लोकसभा: भारी हंगामे के बीच तीन विधेयकों को मिली हरी झंडी

नई दिल्ली। मानसून सत्र के दूसरे हफ्ते में तीसरे आखिर लोकसभा में विधायी कामकाज को थोड़ी लय मिली। हालांकि विपक्ष के तेवर नरम नहीं पड़े। भारी हंगामे के बीच सदन ने 3 विधेयकों को मंजूरी दी और पहली बार प्रश्नकाल बिना किसी व्यवधान के पूरा हुआ। विपक्ष के शोरशराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ठान लिया कि वह विधायी कार्य नहीं रोकेंगे। एक तरफ विपक्षी सांसदों की नारेबाजी जारी रहीं दूसरी ओर प्रश्नकाल में मंत्री सदस्यों का जवाब देते रहे। इस दौरान मंत्रियों ने दस से अधिक प्रश्नों के उत्तर दिये।

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह और विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने अनेक सदस्यों के पूरक प्रश्नों के भी उत्तर दिये। प्रश्नकाल के बाद राजेंद्र अग्रवाल ने आसन संभाला और हंगामे के चलते पहली बार सदन को दोपहर 12 बजे के करीब स्थगित किया गया। एक के बाद तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोपहर दो बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री राव इंदरजीत सिंह ने सबसे पहले आईबीसी संशोधन बिल पेश किया।

अग्रवाल ने बहस करानी चाही लेकिन विपक्षी सांसद नारेबाजी में लगे रहे जिसके बाद बिना किसी बहस के बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। यह बिल लघु एवं मझोले इकाई के तहत आने वाले कर्जदार कारोबारियों को एख करोड़ से कम ऋण पर पहले से तैयार व्यवस्था (प्री पैकेज्ड) के तहत दिवाला निपटान प्रक्रिया की सुविधा मिलेगी। यह विधेयक कोरोना महामारी के दौरान एमएसएमई को राहत देने के लिए  4 अप्रैल, 2021 से प्रभावी दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन अध्यादेश, 2021 का स्थान लेगा।

लोकसभा ने अतिरिक्त 23,675 करोड़ रुपये के खर्च की पूरक मांगों को भी मंजूरी दे दी। इसमें 17 हजार करोड़ रुपये स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च किये जाने हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते इन मांगों को सदन के समक्ष रखा था। इसमें स्वास्थ्य के अलावा 2050 करोड़ रुपये नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लिए होंगे जिसमें 1872 करोड़ एयर इंडिया पर खर्च होने हैं। विपक्ष के हंगामे के बीच बिना चर्चा के ही पूरक मांगों के बिल को मंजूरी दी गई।

इसके अलावा सदन ने प्रासंगिक विनियोग विधेयकों को मंजूरी दी। यह सरकार को अतिरिक्त खर्च पूरा करने के लिए भारत के समेकित कोष से धन निकालने के लिए अधिकृत करता है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लिखित जवाब में लोकसभा को बताया कि 2021 की पहली छमाही में साइबर सुरक्षा के 6.07 लाख से अधिक मामले हुए। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम के मुताबिक पिछले साल 11,58,208 मामले दर्ज हुए थे जबकि इस बार छह महीने के भीतर यह आंकड़ा छह लाख के पार चला गया है। वहीं 2019 में कुल 3,94,499 साइबर हमले हुए थे।