‘अभिमान’ में करीब आए थे अमिताभ-जया बच्चन

मुंबई। ‎बिग बी यानि अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी के जीवन में 1973 का दौर बहुत सारी खूबसूरत यादों से भरा पडा है। सदी ‎‎के महानायक की इसी साल शादी हुई और इसी साल फिल्म ‘अभिमान’ रिलीज हुई थी। 27 जुलाई 1973 को रिलीज हुई इस फिल्म में बताया गया है कि शादीशुदा जिंदगी में किस तरह छोटी-छोटी बातों का ‘अभिमान’ इस तरह हावी हो जाता है कि अपनी ही खुशियां बर्बाद होने लगती हैं।

पत्नी की सफलता और प्रसिद्धी कई बार पति झेल नहीं पाते हैं और अनबन शुरू हो जाती है।‘अभिमान’ फिल्म जब बन रही थी तो अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की शादी नहीं हुई थी, लेकिन सिल्वर स्क्रीन पर दोनों पति-पत्नी की शानदार जोड़ी के रुप में नजर आए। जया की आंखों में अमिताभ के लिए प्यार छलकाने के लिए अभिनय की जरूरत नहीं पड़ी थी, यह दिल से निकल रहा था।

दोनों ही उस समय अपनी पर्सनल लाइफ के हसीन पल जी रहे थें। हालांकि कहानी के लिहाज से देखे तो ‘अभिमान’ की कहानी साधारण ही थी लेकिन जया-अमिताभ ने अपनी शानदार अदाकारी से इसे यादगार बना दिया। जया भादुड़ी को इस फिल्म के लिए बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड भी मिला था।

ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘अभिमान’ में अमिताभ बच्चन और जया बच्चन ने अपना पैसा लगाया था। जिस समय यह फिल्म बनी थी, उस वक्त अमिताभ और जया अपनी शादी में बिजी थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उस समय के उनके सेक्रेटरी ही फिल्म से संबंधित सारे काम देखते थे। इस वजह से फिल्म के कागज का काम आधा-अधूरा रह गया। जब फिल्म रिलीज हुई तो उतनी कमाई नहीं हुई जितनी बाद में सैटेलाइट और डिजिटल राइट्स से हुई।

कागज ठीक न होने की वजह से इसकी कॉपी राइट को लेकर काफी समय तक गलतफहमी बनी रही।‘अभिमान’ फिल्म के गाने इतने अच्छे और अर्थपूर्ण हैं कि आज भी लोग गुनगुनाते हैं। ‘मीत न मिला रे मन का’, ‘लूटे कोई मन का नगर’, ‘अब तो है तुमसे’ जैसे गाने संगीतप्रेमियों की लिस्ट में शामिल रहता है।

मजरूह सुल्तानपुरी ने इस फिल्म के गाने लिखे और संगीत को शानदार बनाने के लिए एस डी बर्मन ने किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, मनहर उधास और अनुराधा पौडवाल से गाने गवाए थे। हर गाने के मूड को ध्यान में रखकर बर्मन दा ने सिंगर चुने थे और उसका असर भी देखने को मिला था। एस डी बर्मन को ‘अभिमान’ के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।