एडीआईपी योजना के तहत मंत्रालय के दिव्यांगजनो को वितरण शिविरों में 10 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए
नई दिल्ली । भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एडीआईपी योजना के तहत ‘दिव्यांगजन’ और ‘राष्ट्रीय वयोश्री योजना’ के तहत वरिष्ठ नागरिकों को सहायता व सहायक उपकरणों के वितरण के लिए बिहार के औरंगाबाद जिला समाहरणालय परिसर स्थित टाउन हॉल में एक ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर’ का आयोजन किया गया। एलिम्को और जिला प्रशासन, औरंगाबाद की सहभागिता में इस शिविर का आयोजन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने किया। इस समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने वर्चुअल माध्यम के जरिए नई दिल्ली से शिविर का उद्घाटन किया। उनके साथ भारत सरकार की केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री सुश्री प्रतिमा भौमिक उपस्थित थीं, जिन्होंने इस समारोह की अध्यक्षता की।
वहीं भारत सरकार के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री ए.नारायणस्वामी ने भी इस समारोह की शोभा बढ़ाई। औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह औरंगाबाद में मुख्य स्थल पर समारोह में शामिल हुए, जबकि काराकट के सांसद महाबली सिंह अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वर्चुअल माध्यम के जरिए समारोह में उपस्थित हुए। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विभाग की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अनुपालन करते हुए प्रखण्ड/पंचायत स्तर पर 1521 दिव्यांगजन और 546 वरिष्ठ नागरिकों को 2.43 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 5102 सहायता व सहायक उपकरण नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि आज के समारोह का विशेष महत्व है, क्योंकि इस तरह के आयोजनों से लाभार्थी पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं और इससे लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने में सहायता मिलती है। पिछले सात वर्षों में मंत्रालय के कार्यों की जानकारी देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कर्णावर्त तंत्रिका के प्रत्यारोपण के लिए 2014 में शुरू की गई योजना ने पूरे देश में 3555 श्रवण बाधित बच्चों को सहायता दी गई है। इनमें से 50 सफल कर्णावर्त तंत्रिका प्रत्यारोपण सर्जरी बिहार राज्य में की गई हैं और सरकारी योजना के तहत बिहार में सात अस्पताल ऐसी सर्जरी करने के लिए पैनल में हैं। मंत्री ने आगे कहा कि बिहार राज्य में 5855 दिव्यांगजन छात्रों के बीच 22.83 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति जारी की गई है। केंद्र सरकार ने सुगम्य भारत अभियान के तहत बिहार में 21 सरकारी भवनों को सुलभ और ‘दिव्यांग’ के अनुकूल बनाने के लिए 9.25 करोड़ रुपये जारी किए हैं।