टोल टैक्स वसूली में सरकार को 3500 करोड़ का घाटा: नितिन गडकरी

India aims to reduce road accidents by 50 percent before 2025

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना महामारी से जुड़े प्रतिबंधों के चलते एनएचएआई को पिछले वित्तीय वर्ष में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें कोरोना महामारी के चलते देश में पूर्ण बंदी और पिछले साल शुरू हुए किसान आंदोलन के चलते टोल प्लाजा पर टैक्स की वसूली नहीं हो सकी। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गुरुवार को एक सवाल के जवाब में लोकसभा में यह जानकारी दी है।

उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 में अनुमानित उपयोगकर्ता शुल्क (रोड यूजर टैक्स) संग्रह क्रमश : 27682.89 करोड़ रुपये व 28,548.05 करोड़ रुपये था। लेकिन वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोविड 19 से जुड़े प्रतिबंधों के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के टोल प्लाजा पर टोल टैक्स संग्रह में 3512.62 करोड़ रुपये के राजस्व केनुकसान का अनुमान है।

नितिन गडकरी ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में किसानों द्वारा लगातार जारी विरोध प्रदर्शन के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 में 58 टोल प्लाजा 12 दिनों से लेकर अधिकतम 182 दिनों तक बंद थे। इसके चलते 814.13 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि करेल राज्य में त्रिवल्लम टोल प्लाजा व ओडिशा राज्य में पद्धनावपुर व सुखपाड़ा टोल प्लाजा जैसे कुछ प्लाजा पर विरोध की छिटपुट घटनाएं देखी गईं।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टोल कंपनियों को हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने उनको अधिक दिनों तक टोल टैक्स लेने की छूट संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार जितने दिन टोल टैक्स की वसूली नहीं हो सकी है, कंपनियों को उतने दिन का टोल लेने का अधिकार होगा।