टूरिस्ट ट्रेन चलाने में आगे आए प्राइवेट कंपनियां, रेलवे कर रही तैयारी
नई दिल्ली। अब वह दिन दूर नहीं जबकि आप अपने प्रिय पर्यटन स्थलों की सैर ट्रेन से कर सकते है। पर्यटकों को ट्रेन से भ्रमण कराने के लिए अधिक से अधिक प्राइवेट पार्टी हिस्सा ले, इसके लिए रेल मंत्रालय ने अपनी नीतियों को बदलने का फैसला किया है। निजी कंपनियों को ट्रेन कैसे किराये पर मिलेगी, इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश बनाए जा रहे हैं।
रेल मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इस समय सीमित संख्या में टूरिस्ट ट्रेन चलाए जा रहे हैं। इनमें भी अधिकतर ट्रेन धार्मिक पर्यटनस्थलों की सैर कराते हैं। पर्यटन का मतलब सिर्फ धार्मिक पर्यटन ही नहीं होता है। इस क्षेत्र की संभावानाओं का अधिक से अधिक दोहन हो सके, इसके लिए रेलवे ने इच्छुक पार्टी को ट्रेन लीज पर देने का फैसला किया है। इससे नए नए टूरिज्म सर्किट खुलने के मौके मिल सकते है।
रेलवे बोर्ड के अनुसार इच्छुक पार्टी को ट्रेन कम से कम पांच साल तक के लिए लीज पर दिए जाएंगे। ट्रेन की लीज की अवधि बढ़ाई भी जा सकेगी, यदि डिब्बे की आयु और बचेगी। संबंधित पक्ष का कम से कम उतने डिब्बे किराये पर लेना होगा, जिससे कि एक ट्रेन तो तैयार हो ही जाए। उन्हें टूरिस्ट सर्किट का रूट, स्टॉपेज, टैरिफ आदि डिसाइड करने का अधिकार मिलेगा। टूरिस्ट ट्रेन चलाने वाली पार्टी से भारतीय रेल हॉलेज चार्ज वसूलेगा।
यदि लीज पर ट्रेन ली जाती है,तब उन्हें लीज चार्ज भी देना होगा। हालांकि, यदि कोई एकमुश्त ट्रेन की खरीदी करते हैं,तब उन्हें लीज चार्ज नहीं देना होगा। पर उन्हें नॉमिनल स्टेंपिंग चार्ज देना ही होगा। यदि ट्रेन को मेंटनेंस के लिए कहीं ले जाया जाता है,तब फिर रेलवे उससे हॉलेज चार्ज नहीं वसूलेगा। रेलवे का कहना है कि इस बारे में नीति तथा नियम और शर्तों को तैयार करने के लिए एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर स्तर के अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है। इस बारे में शीर्घ ही नियम और विनियम तैयार किया जाएगा।