अफगानिस्तान को फिर कभी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने देना: इमरान

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि काबुल में सत्ता पर तालिबानी कब्जा के बाद एक ‘नई हकीकत स्थापित हुई है, और यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सामूहिक हित है कि कोई नया संघर्ष नहीं हो।

ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में 20वीं शंघाई सहयोग संगठन राष्ट्राध्यक्ष परिषद (एससीओ-एसीएचएस) को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि अफगानिस्तान के फिर कभी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने को सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी अफगानों के अधिकारों के लिए सम्मान सुनिश्चित करना भी जरूरी है।

पीएम इमरान के हवाले से कहा कि एक शांतिपूर्ण एवं स्थिर अफगानिस्तान से पाकिस्तान का हित जुड़ा हुआ है। खान ने कहा कि तालिबान के नियत्रंण करने और विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में एक नई हकीकत स्थापित हुई है। यह बिना रक्तपात, गृहयुद्ध और बड़ी संख्या में शरणार्थियों के पलायन किए बगैर हुआ, जो राहत की बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अब यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सामूहिक हित है कि कोई नया संघर्ष नहीं हो तथा युद्ध प्रभावित देश में सुरक्षा की स्थिति स्थिर हो।’’

खान ने कहा कि अफगानिस्तान को बिना देर किए मानवीय सहायता देना जरूरी है, क्योंकि यह वक्त मौजूदा चुनौतियों से बाहर आने में अफगान की मदद करने के लिए उनके साथ खड़े होने का है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह अवश्य याद रखना चाहिए कि अफगान सरकार मुख्य रूप से विदेशी सहायता पर ही निर्भर है।खान ने कहा कि तालिबान शासकों को अपने वादों को बखूबी पूरा करना चाहिए। तालिबान को समावेशी राजनीतिक ढांचे के लिए किये गये वादों को अवश्य पूरा करना चाहिए, जहां सभी जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व हो। यह अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए जरूरी है।