तलाकशुदा बेटी भी माता-पिता की फैमिली पेंशन पाने की हकदार

नई दिल्ली। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने कहा है कि तलाक के बाद बेटी माता-पिता की फैमिली पेंशन पाने की हकदार है। कैट ने महिला (बेटी) के हक में फैसला देते हुए फैमिली पेंशन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों और नियमों को भी स्पष्ट किया है। कैट ने केंद्र सरकार और उत्तर रेलवे की उन दलीलों को सिरे से ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि माता-पिता की मौत के बाद तलाक का फैसला होने पर बेटी फैमिली पेंशन पाने की हकदार नहीं होती है।

कैट के सदस्य मोहम्मद जमशेद ने कहा कि तलाक का फैसला होने में कई सालों का वक्त लगता है, ऐसे में माता-पिता के जीवन काल में तलाक लेने वाली बेटी को पेंशन की हकदार मानना अनुचित है। उन्होंने कहा कि सिर्फ यह देखने की जरूरत है कि माता-पिता के जीवित रहने के दौरान तलाक की प्रक्रिया शुरू हुई हो।

यह टिप्पणी करते हुए कैट ने रेलवे से याचिकाकर्ता अनिता को उसकी मां की मौत के बाद फैमिली पेंशन देने का आदेश दिया है। कैट ने कहा है कि जहां तक मौजूदा मामले का सवाल है तो याचिकाकर्ता ने पारिवारिक विवाद के चलते अपनी मां के जीवित रहने के दौरान ही अदालत में तलाक के लिए याचिका दाखिल की थी।

मरने से पहले उसकी मां ने अपनी सभी चल-अचल संपत्तियों का वारिस अपनी बेटी को ही घोषित किया था। कैट ने कहा कि इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए बेटी अपनी मां की मौत के बाद फैमिली पेंशन पाने की हकदार है। कैट ने इसके साथ ही रेलवे के दिसंबर 2018 के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि चूंकि याचिकाकर्ता का तलाक उसकी मां की मौत के बाद हुआ है, इसलिए उसे फैमिली पेंशन नहीं दी जा सकती है।