पीएम ने दिया नया मंत्र- हर घर टीका, घर-घर टीका
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश दौरे से लौटने के बाद गुरूवार को देश में कोरोना टीकाकरण में पिछड़ने वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वस्तुस्थिति की समीक्षा की और उन्हें जरूरी सुझाव दिए। इस दौरान पीएम मोदी ने ‘हर घर टीका, घर-घर टीका’ का मंत्र देते हुए कहा कि कोरोना अभी कहीं गया नहीं है। हमें अभी भी सावधानियां बरतने की जरूरत है। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि देश में 13 राज्यों के 48 जिले ऐसे हैं, जिनमें कोरोना टीकाकरण की पहली डोज 50 प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाई है। यह ठीक बात नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले सौ साल की अवधि में देश ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। कोरोना से देश की लड़ाई में एक खास बात यह भी रही कि हमने नए-नए समाधान खोजे। आपको भी अपने जिलों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए नए तरीकों पर और ज्यादा काम करना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक आप सभी ने लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाने और वहां सुरक्षित टीकाकरण के लिए प्रबंध किए। अब हर घर टीका, घर-घर टीका, इस जज्बे के साथ आपको हर घर पहुंचना है। पीएम मोदी ने कहा कि अपने जिलों में एक-एक गांव, एक-एक कस्बे के लिए अगर अलग-अलग रणनीति बनानी हो, तो वह भी बनाइए। आप क्षेत्र के हिसाब से 20-25 लोगों की टीम बनाकर ऐसा कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत हम एक दिन में करीब-करीब ढाई करोड़ वैक्सीन लगाकर दिखा चुके हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि यह दिखाता है कि हमारी कैपेबिलिटी क्या है, हमारी सामर्थ्य क्या है। हर घर पर दस्तक देते समय, पहली डोज के साथ-साथ आप सभी को दूसरी डोज पर भी उतना ही ध्यान देना होगा। क्योंकि जब भी संक्रमण के केस कम होने लगते हैं, तो कई बार तात्कालिकता वाली भावना कम हो जाती है। लोगों को लगने लगता है कि, इतनी भी क्या जल्दी है, लगा लेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले मेरी वेटिकन में पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात हुई थी। वैक्सीन पर धर्मगुरुओं के संदेश को भी हमें जनता तक पहुंचाने पर विशेष जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि एक चुनौती अफवाह और लोगों में भ्रम की स्थिति भी है। अभी बातचीत के दौरान भी इसका जिक्र किया गया है। इसका एक बड़ा समाधान है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए। आप इसमें स्थानीय धर्मगुरुओं की भी मदद और ज्यादा ले सकते हैं।
गुरुवार की बैठक में उन जिलों को शामिल किया गया जहां 50 प्रतिशत से कम लोगों को कोरोना के टीकों की पहली डोज लगी है और दूसरी डोज भी बहुत कम लोगों को लगी है। बैठक में प्रधानमंत्री ने इन सभी जिलों में कम टीकाकरण के कारणों की समीक्षा के साथ-साथ इससे निपटने के लिए किए जा रहे उपायों पर भी चर्चा की।