स्वाधीनता सैनानियों के बारे में युवा पीढ़ी को शिक्षित करने की जरूरत: नायडू

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नई दिल्ली। केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि महात्मा गांधी ने ‘युवा मन’ को मानवता, उदारता और दृढ़ संकल्प का अमूल्य पाठ सिखाया है। इससे आगामी पीढ़ी को उनके दर्शन ‘मेरा जीवन, मेरा संदेश है’ के सार को समझने का अवसर मिला है।

युवा पीढ़ी को हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों के स्वाधीनता सैनानियों द्वारा किये गये सर्वोच्च बलिदान की भावना और उनकी अभिलाषा को समझना चाहिए। गांधीजी के संदेशों को फैलाने की प्रेरणा के लिए उनके विचारों और शिक्षाओं को पुस्तक के रूप में पाठकों के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

मंत्री ने यह बात राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय, नई दिल्ली के सहयोग से प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित विरासत पुस्तक ‘गांधी इन चम्पारण’ के विमोचन के अवसर पर कही। इस अवसर पर राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की अध्यक्ष सुश्री अपर्णा बासु और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। हाल के ‘मन की बात’ कार्यक्रम जिसमें प्रधानमंत्री ने चम्पारण आंदोलन और गांधीजी के संघर्ष के महत्व के बारे में बात की थी, उसका संदर्भ देते हुए श्री नायडू ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह गांधीजी के नेतृत्व में देश में किया गया पहला अहिंसक जन आंदोलन था।

चम्पारण का संघर्ष देश के स्वाधीनता की आगे की लड़ाई के लिए प्रेरणा बना था। श्री नायडू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य गरीब से गरीब व्यक्ति के कल्याण के लिए कार्य कर महात्मा गांधी के आदर्शों को मुख्य धारा में लाने है।

उन्होंने कहा कि प्रकाशन विभाग को गांधी जी और अन्य क्षेत्रीय स्वाधीनता सैनानियों से संबंधित अन्य प्रासंगिक साहित्य तथा प्रकाशनों को संरक्षित और प्रकाशित करना चाहिए। गांधीजी पर आधारित पुस्तकों से सरकार की स्वच्छ भारत अभियान, जन धन योजना और स्किल इंडिया जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा, जिनका उद्देश्य समाज के हर वर्ग में समानता लाना और उनका सशक्तिकरण करना है।

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