17 करोड़ की GST चोरी में 2 कारोबारी गिरफ्तार
नई दिल्ली। केंद्रीय जीएसटी विभाग सीजीएसटी ने छापेमारी कर 115 करोड़ के कागजी कारोबार का खुलासा किया है। दिल्ली- एनसीआर में 14 फर्जी फर्म से कागजी कारोबार कर करीब 17 करोड़ की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। इस मामले में टीम ने इंदिरापुरम के एक मॉल में दफ्तर चला रहे दो कारोबारियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। अदालत ने दोनों कारोबारियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
इंदिरापुरम के दो कारोबारी अनिल कुमार दूबे और प्रवीण राय ने साझेदारी में मेसर्स शुम स्टार ग्लोबल बिजेनेस सॉल्यूशन लिमिटेड नामक फर्म बना रखी है। इस पंजीकृत फर्म का दफ्तर इंदिरापुरम के मॉल में बना रखा है। विभाग के आयुक्त आलोक झा ने बताया कि जीएसटीएन पोर्टल पर निगरानी में मेसर्स शुम स्टार ग्लोबल बिजनेस सॉल्यूशन लिमिटेड फर्म का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया।
विभाग की जांच में कई फर्जी फर्म बनाकर दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा में करोड़ों के कागजी कारोबार की जानकारी मिली। पुख्ता जानकारी के बाद टीम ने कारोबारियों के दफ्तर पर 25 जुलाई को छापेमारी कर दोनों साझेदार अनिल कुमार दूबे और प्रवीण राय को गिरफ्तार कर लिया। करीब दो दिन चली छापेमारी में फर्म के कई बिल बुक, पंजीयन और फर्जी फर्मों के कई बिल बुक, मुहरें और कंप्यूटर आदि को कब्जे में लिया गया है। जांच और छापेमारी टीम में सहायक आयुक्त प्रभजोत कौर, कर अधीक्षक अजीत सिंह गहलावत शामिल रहे।
अपर आयुक्त हर्षवर्द्धन राय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में कारोबारियों द्वारा 115 करोड़ के कागजी कारोबार पर करीब 17 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ में आई। कर चोरी में लिप्त कारोबारियों अनिल दूबे और प्रवाण राय को मेरठ की विशेष जीएसटी न्यायालय में पेश किया गया।
विशेष अदालत ने दोनों को जेल भेज दिया विभागीय अधिकारियों की मानें तो कारोबारियों ने ट्रेडिंग के लिए एक पंजीयन ले रखा थी। जबकि 14 फर्जी फर्म बनाकर बिल परचे की खरीद बिक्र्री करते थे। कागजी फर्म से कागजों पर करोड़ो की खरीद विक्री दिखाकर फर्जीवाड़ा का खेल कर करोड़ों की कमाई करते थे।
ये सभी लोहा स्टील, सोने-चांदी के गहने, सिनेमाऑटोग्राफी, कैमरा, मॉनिटर प्रोजेक्टर आदि सप्लाई का बिल देते हैं। इंदिरापुरम की हाईफाई सोसाइटी में रहने वाले दोनों कारोबारी फर्जी खरीद पर विभाग से आईटीसी क्लेम लेने की फिराक में थे। बिना खरीद ब्रिकी किए ही 115 करोड़ का कारोबार दिखाकर क्लेम हड़पने से पहले ही खुलासा हो गया। विभागीय जांच में फर्म से फर्जी खरीदारी करने वाले कई और लोग व जीएसटी चोरी का बड़ा मामला पकड़ में आ सकता है।