उड़ान योजना में 100 एयरपोर्ट को शामिल करने में अभी और लगेगा समय
नई दिल्ली। मोदी सरकार की उड़ान योजना में 100 एयरपोर्ट को शामिल करने में अभी दो साल और लग सकते हैं। कोविड के कारण ऐसा होगा। रेटिंग एजेंसी ने इसकी आशंका जाहिर की है। सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान के कार्यान्वयन की धीमी गति के चलते 50 प्रतिशत मार्ग भी चालू नहीं हो सके हैं और कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते योजना आगे और प्रभावित हो सकती है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 तक कम से कम 1,000 क्षेत्रीय संपर्क मार्ग (आरसीएस) शुरू करने और 100 से अधिक अनारक्षित और छोटे हवाई अड्डों के संचालन के लक्ष्य को पाने में दो साल की देरी हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को उड़ान योजना की शुरुआत की थी,इसका मकसद आम लोगों को हवाई यात्रा की सुविधा देना था। इसके लिए मोदी सरकार ने वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया। एजेंसी के मुताबिक 31 मई तक उड़ान के तहत कुल मार्गों में से केवल 47 प्रतिशत मार्ग और 39 प्रतिशत हवाई अड्डे ही चालू हो सके थे।
परिचालन शुरू करने वाले नए आरसीएस मार्गों की संख्या 2019 और 2020 में तेजी से बढ़ी, लेकिन कोविड-19 के चलते 2021 में यह रफ्तार घट गई। वित्त वर्ष 2018 से 2021 के दौरान सरकार ने उड़ान योजना पर कुल 3,350 करोड़ रुपये खर्च किए और वित्त वर्ष 2022 के लिए 1,130 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।