इकलौते भारतीय ने कोरोना पर WHO को किया था आगाह!

Ajay

नई दिल्ली। आपको भले ही अटपटा लगे, लेकिन हम आपको बता दे कि एक ऐसे भारतीय के बारे में जो स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर देशभर में न केवल लोगों को जागरूक कर रहे हैं, बल्‍कि स्‍वास्‍थ्‍य को मौलिक अधिकार बनाने के लिए गत 10 बर्षों से लगातार अभियान चला रहे हैं। हम बात कर रहे हैं वरिष्‍ठ सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार की। हाल ही में अजय ने एक और सराहनीय प्रयास किया. विश्‍व जब कोरोना से जूझ रहा था, उस समय अजय कुमार ने सबसे पहले डब्‍ल्‍यूएचओ को खत लिखकर आगाह किया था कि यह परमाणु हमले से भी खतरनाक है. जिसके बाद डब्‍ल्‍यूएचओ एक्‍शन में आया और एक के बाद एक पहल की.
डब्‍ल्‍यूएचओ के अधिकारियों ने अजय कुमार के खत को गंभीरता से लेते हुए वैज्ञानिकों के साथ बैठक की और इस बात को माना कि वाकई कोरोन मानव जाति के लिए परमाणु हमले से भी घातक है. इतना ही नहीं डब्‍ल्‍यूएचओ ने स्‍वास्‍थ्‍य को मौलिक अधिकार बनाने का जो टवीट जो अब किया है, अजय पिछले एक दशक से भारत में इसको लेकर अभियान चला रहे हैं.

अब तक लगभग 80 से अधिक सांसदों ने सराहना पत लिखकर उनके इस अभियान का समर्थन भी किया है. बिहार के रहने वाले अजय का कहना है कि स्‍वास्‍थ्‍य आम आदमी के लिए बहुत बडा मुददा है, क्‍योंकि उन्‍होंने स्‍वास्‍थ्‍य की वजह से कई परिवारों की अच्‍छी खासी जिंदगी बर्बाद होते देखा है, इसलिए उनकी मंशा है कि स्‍वास्‍थ्‍य को मौलिक अधिकार का दर्जा मिले, ताकि आने वाले समय में अस्‍पतालों में आम जनमानस को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं मुहैया हो सके. अजय कुमार का कहना है कि जब तक स्‍वास्‍थ्‍य को मौलिक अधिकार का दर्जा नहीं मिल जाता तब तक उनका अभियान जारी रहेगा.

कब कब क्‍या हुआ

5 फरवरी को अजय कुमार ने डब्‍ल्‍यूएचओ के डायरेक्‍टर डॉ टेड्रोस को को पत लिखकर यह आगाह किया था डब्‍ल्‍यूएचओ कोरोना वायरस पर गंभीरता दिखाए. यह मानव के लिए जाति के लिए परमाणु या रासायनिक युऋ से होने वाले विनाशकारी प्रभावों से भी अधिक घातक हो सकता है. इससे सभी जीवधारियों का सामूहिक विनाश हो सकता है. अत: डब्‍ल्‍यूएचओ को विश्‍व स्‍तर पर अपने प्रयास तेज करने चाहिए और तत्‍काल आवश्‍यक कार्यवाही करनी चाहिए.

11 फरवरी को डब्‍ल्‍यूएचओ के डायरेक्‍टर डॉ टेड्रोस ने कोरोना वायरस को मनुष्‍यता का नंबर वन दुश्‍मन बताया. साथ ही इसकी तुलना आतंकवाद से की और कहा कि यह आतंकवादी घटना से भी भयावह है. यह बात अजय कुमार पहले ही डब्‍ल्‍यूएचओ को लिखे अपने खत में कह चुके थे

14 फरवरी को डब्‍ल्‍यूएचओ के डायरेक्‍टर डॉ टेड्रोस ने अजय कुमार के टवीट को रिटवीट भी किया, जिसमें अजय कुमार ने कोरोना वायरस को सबका दुश्‍मन बताया था और इसके सामाजिक राजनीतिक आर्थिक प्रभावों की चर्चा की थी. साथ ही सभी से साथ आकर इससे लडने की अपील की थी.

15 फरवरी को डब्‍ल्‍यूएचओ टवीट कर कहा कि ‘हेल्‍थ इज हयूमन राइट, नॉट ए लग्‍जरी’ साथ ही यह भी कहा कि विश्‍व के सभी देशों को प्राथमिक स्‍वास्‍थ की देख रेख पर अधिक खर्च करना चाहिए. गौरतलब है कि इसी बात के लिए अजय कुमार पिछले एक दशक से भारत में अभियान चला रहे हैं और स्‍वास्‍थ्‍य को मौलिक अधिकार का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. साथ ही सरकारों से देश की प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था में सुधार की मांग कर रहे हैं. उनके इस अभियान को डब्‍ल्‍यूएचओ के डायरेक्‍टर डॉ टेड्रोस भी लाइक कर चुके हैं.